Greater Noida News : भारतीय किसान यूनियन (BKU) के नेता गौरव टिकैत ने जीरो पॉइंट पर पहुंचकर सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकारें तानाशाही रवैया अपना रही हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि किसानों से किए गए वादे पूरे करने की बजाय सरकार उन्हें लाठीचार्ज और गिरफ्तारियों के जरिए दबाने का प्रयास कर रही है। गौरव टिकैत ने स्पष्ट किया कि किसान इन दबावों से डरने वाले नहीं हैं और उनका आंदोलन जारी रहेगा।
संयुक्त किसान मोर्चा करेगा बड़ा फैसला
गौरव टिकैत ने आगे कहा कि नोएडा किसान आंदोलन पर संयुक्त किसान मोर्चा निर्णय लेगा और BKU उसका समर्थन करेगा। उन्होंने साफ किया कि किसान किसी भी हाल में अपने अधिकारों की लड़ाई से पीछे नहीं हटेंगे। किसान नेताओं ने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने जल्द उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया, तो आंदोलन और तेज होगा। वहीं ग्रेटर नोएडा स्थित जीरो पॉइंट पर हजारों किसान की भीड़ मौजूद है। भारी संख्या में किसान जीरो पॉइंट पर पहुंच रहे हैं। इसके अलावा अलग-अलग किसान संगठन के नेता भी वहां पहुंच रहे हैं। सपा, कांग्रेस, आप समेत कई विपक्षी राजनीतिक दलों के पदाधिकारी भी मौके पर मौजूद हैं। जीरो पॉइंट पर मौजूद डॉ. आश्रय गुप्ता का कहना है कि किसानों की सभी मांगे जायज हैं। इस पर केंद्र और प्रदेश सरकार द्वारा पूर्व में भी विचार-विमर्श किया गया, लेकिन इसके बाद इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। किसान सिर्फ अपना हक चाहते हैं। अपने हक के लिए के लिए आज वो आंदोलन कर रहे हैं। सपा किसानों की मांगों का समर्थन करती है इसीलिए उनके साथ सड़कों परा उतरी है।
पुलिस कार्रवाई पर भड़के किसान
सोमवार को किसानों ने संसद कूच का ऐलान किया था, लेकिन नोएडा में पुलिस ने उन्हें रोक लिया। इसके बाद, मंगलवार को नोएडा के दलित प्रेरणा स्थल से बड़ी संख्या में किसानों को गिरफ्तार कर लिया गया। इस कार्रवाई के विरोध में BKU के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने ग्रेटर नोएडा में पंचायत का ऐलान किया था। बुधवार को राकेश टिकैत जब अलीगढ़ के टप्पल से पंचायत में शामिल होने के लिए रवाना हुए, तो उन्हें रास्ते में ही गिरफ्तार कर लिया गया। टिकैत की गिरफ्तारी पर गौरव टिकैत ने कहा, “यह पूरी तरह तानाशाही है। किसानों को अपनी समस्याएँ उठाने का संवैधानिक अधिकार है। सरकार बातचीत की बजाय लाठीचार्ज और जेल के जरिए समस्या का समाधान खोज रही है, जो कभी संभव नहीं होगा।”
तीन वर्षों से कर रहे आंदोलन
पिछले तीन वर्षों से गौतमबुद्ध नगर के की नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी है। इन तीन वर्षों में सरकार ने हर बार किसानों को आश्वासन दिया और मांगों पर विचार करने की बात कही। लेकिन आज तक कुछ नहीं हो पाया है। किसानों का कहना है कि इस बार आश्वासन से काम नहीं चलेगा। इस बार किसान अपना हक लेने आया है और लेकर ही जाएगा। सरकार को पुलिस को आगे कर उन्हें नहीं डरा सकती। इस बार आर-पार की लड़ाई होगी।
सरकार की उदासीनता है आंदोलन की वजह
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोकसभा चुनाव से पहले किसानों की समस्याओं के समाधान हेतु एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया था। समिति में राजस्व परिषद के अध्यक्ष, मेरठ मंडल के कमिश्नर, और गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी शामिल थे। हालांकि, इस समिति ने किसानों की मुख्य मांगों को खारिज कर दिया। इससे आक्रोशित होकर किसानों ने एक बार फिर आंदोलन शुरू किया।
किसानों की मुख्य मांगें
1.अधिग्रहित जमीन के बदले किसानों को ज़मीन वापस दी जाए।
2.मुआवजे में 64.7% अतिरिक्त राशि का भुगतान किया जाए।
3.भूमि अधिग्रहण 2013 कानून के तहत लाभ दिए जाएं।
4.भूमिहीन किसानों को आवासीय भूखंड और बेरोजगार युवाओं को कंपनियों में नौकरी दी जाए।
5.स्थानीय स्कूलों और अस्पतालों में किसानों के परिवारों को प्राथमिकता दी जाए।