Greater Noida : नोएडा के ट्विन टावर की तरह ग्रेटर नोएडा में भी कई ट्विन टावर बिल्डरों ने खड़े कर दिए हैं। इनमें सबसे ज्यादा ग्रेटर नोएडा वेस्ट में बने खड़े हैं। ज्यादातर बिल्डरों ने तय मानक से अधिक फ्लैट बना लिए हैं। फ्लैट बनाने के लिए एक्स्ट्रा एफएआर खरीदी है। जिससे बिल्डरों ने पार्क और पार्किंग की जमीन को भी नहीं छोड़ा है।
आबादी के 6 प्रतिशत जमीन पर बने ज्यादातर टावर
इसी तरह के अवैध टावर ग्रेटर नोएडा वेस्ट में शाहबेरी समेत कई गांवों में खड़े हैं। इनमें प्राइवेट बिल्डरों ने अवैध कॉलोनी के साथ-साथ 20-20 मंजिला टावर खड़े कर दिए हैं। इन टावरों को बनाने के लिए ना तो प्राधिकरण से किसी तरह की परमिशन ली है और ना ही नक्शा पास कराया है। इनमें सबसे ज्यादा टावर ग्रामीण आबादी की 6 प्रतिशत जमीन पर बने हैं। किसानों से बिल्डरों ने आबादी की 6 प्रतिशत जमीन खरीद ली है, और उस पर बगैर रुके धड़ल्ले से टावर पर टावर खड़े कर रहे हैं।
4 साल पहले धराशाही हुई थी अवैध बिल्डिंग
जिन गावों में अवैध टावर खड़े किए जा रहे हैं, उनमें शाहबेरी, इटेड़ा, हैबतपुर, बिसरख, पतवाड़ी, खैरपुर गुर्जर, बदलापुर, वैदपुरा, मिलक लच्छी समेत कई गांव शामिल हैं। शाहबेरी में तो 4 साल पहले अवैध बिल्डिंग धराशाई हो गई थी, जिसमें 9 लोगों की मौत हो चुकी है। लेकिन फिर भी शाहबेरी समेत कई गांवों में अवैध बिल्डिंगों का निर्माण जारी है।