Greater Noida News : एक समय था जब नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरणों में भ्रष्टाचार के आरोप और अनियमितताएं सुर्खियों में रहती थीं। गौतमबुद्ध नगर के इन तीनों प्राधिकरणों में उच्च पदों पर बैठे अधिकारियों के नाम घोटालों और अनियमितताओं से जुड़े थे। खासकर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के कार्यकाल के दौरान चेयरमैन सरदार मोहिंदर सिंह पर आरोप थे कि उन्होंने प्राधिकरण को बिल्डरों के हाथों की कठपुतली बना दिया था।
3,000 से 6,000 रुपये तक वसूले जाते थे
इस दौरान कथित रूप से प्लॉट आवंटन के बदले में प्रति वर्ग मीटर 3,000 से 6,000 रुपये तक वसूले जाते थे। यह वसूली एक संगठित तरीके से की जाती थी, जिसमें ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के तत्कालीन जनरल मैनेजर की कोठी लेन-देन का केंद्र बनी हुई थी। आरोप हैं कि इन पैसों से भरे बैग नोएडा में सरदार मोहिंदर सिंह के पास पहुंचाए जाते थे और इस तरह भ्रष्टाचार का जाल फैलता गया।
76 हजार करोड़ रुपये के घाटे में धकेल दिया
इन गतिविधियों के चलते ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को भारी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ा। उसे लगभग 76 हजार करोड़ रुपये के घाटे में धकेल दिया गया। इस पूरे घटनाक्रम में कई अधिकारी शामिल थे, जो अब अपनी सेवाओं से निवृत्त हो चुके हैं। यहां तक कि उस दौर के कुछ कर्मचारियों ने भ्रष्टाचार से अर्जित धन का इस्तेमाल कर आज बिल्डर बनने तक का सफर तय कर लिया है।