बड़ी खबर : यमुना अथॉरिटी ने अजनारा बिल्डर का साइट ऑफिस सील किया, एलॉटमेंट रद्द होने के बावजूद बेच रहा था फ्लैट

Google Image | Ajnara Builder



Yamuna City News : यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (Yamuna Authority) ने शुक्रवार को अजनारा बिल्डर के खिलाफ एकबार फिर बड़ी कार्रवाई की है। बिल्डर की आवासीय परियोजना को सील कर दिया है। यमुना एक्सप्रेसवे के किनारे फॉर्मूला वन सर्किट के पास सेक्टर-22ए में 25 एकड़ में अजनारा पैनोरमा हाऊसिंग प्रोजेक्ट है। बिल्डर आवंटन रद्द होने के बावजूद डेवलपर फ्लैट बेच रहा है। प्रमोटर बार-बार नोटिस के बावजूद वित्तीय बकाया का भुगतान करने में विफल रहा। यमुना अथॉरिटी ने बुधवार को 25 एकड़ का आवंटन रद्द कर दिया था। अजनारा समूह 43 करोड़ रुपये का बकाया का भुगतान करने में विफल रहा है। आवंटन रद्द होने के बाद यमुना प्राधिकरण ने इस परियोजना में खरीदारों को खुद घर बनाकर देने का फैसला किया है।

सीईओ ने लिया मामले में संज्ञान
यमुना अथॉरिटी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरुणवीर सिंह ने कहा, "हमने शुक्रवार को परियोजना के बिक्री कार्यालय को सील कर दिया है, क्योंकि हमें पता चला कि डेवलपर आवंटन रद्द होने के बाद भी फ्लैट बेच रहा था। हमने यह पता लगाने के लिए इस डेवलपर का फोरेंसिक ऑडिट करने का भी फैसला किया है कि क्या उसने घर खरीदारों से एकत्र किए गए धन को उपयोग कहीं दूसरी जगह किया है।" 

10 साल में केवल 695 फ्लैट बनाए
अजनारा बिल्डर को इस आवास परियोजना में 3,266 इकाइयों का निर्माण करना था, जिसमें से उसने पिछले 10 वर्षों में अब तक केवल 695 इकाइयों का निर्माण किया है। यमुना प्राधिकरण ने वर्ष 2010 में जमीन आवंटित की थी, लेकिन डेवलपर फ्लैट बनाने और खरीदारों को डिलीवर करने में विफल रहा। डेवलपर को प्राधिकरण का 43 करोड़ रुपये बकाया भुगतान करना था। नियमानुसार यदि विकासकर्ता लगातार तीन किश्तों का भुगतान करने में विफल रहता है तो प्राधिकरण के पास आवंटन रद्द करने का अधिकार है।

बिल्डर ने की आवंटन बहाली की मांग
इस बीच डेवलपर ने शुक्रवार को आवास परियोजना के आवंटन को बहाल करने का अनुरोध करते हुए एक आवेदन जमा किया है। लेकिन अथॉरिटी ने डेवलपर से कहा कि उसे पहले मौजूदा बाजार मूल्य के अनुसार कुल परियोजना लागत का 10% जमा करना होगा और फिर वह डेवलपर के आवेदन पर विचार करेगा। प्राधिकरण अधिकारियों को संदेह है कि डेवलपर ने घर खरीदारों से एकत्र किए गए धन को कहीं और उपयोग किया है। जिससे परियोजना को पूरा करने में विफल रहा है।

फोरेंसिक ऑडिट से सबूत जुटाएगा प्राधिकरण
सीईओ अरुणवीर सिंह ने कहा, "फोरेंसिक ऑडिट यह निर्धारित करेगा कि कितना फंड एकत्र किया गया था, कितना निर्माण पर खर्च किया गया, कितना प्रोजेक्ट से बाहर डायवर्ट किया गया और अब परियोजना को पूरा करने के लिए कितना फंड चाहिए। फोरेंसिक ऑडिट हमें डेवलपर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने में भी मदद करेगा। क्योंकि यह इस मामले में सबूत के रूप में काम करेगा।" अब यमुना प्राधिकरण अपने सिविल इंजीनियरिंग विभाग से इस परियोजना को पूरा करवाएगा ताकि घर खरीदारों को नुकसान न हो। ट्राईसिटी टुडे की ओर से इस पूरे मामले को लेकर अजनारा ग्रुप से बात करने के लिए कई बार कोशिश की गई है लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया है।

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