गुरुग्राम में चिंटेल्स पैराडाइसो हादसों की सोसाइटी : आईआईटी दिल्ली ने घोषित किया असुरक्षित फिर भी रहने को मजबूर निवासी

Tricity Today | गुरुग्राम में चिंटेल्स पैराडाइसो सोसाइटी



Gurugram News : साइबर सिटी गुरुग्राम से डराने वाली कुछ तस्वीरें और खबरें सामने आई हैं। जिसके बाद से गुरुग्राम बनी ऊंची-ऊंची गगनचुंबी इमारतों के पीछे का सच भी बाहर आने लगा है। ताजा मामला साइबर सिटी के सेक्टर 109 की चिंटेल्स पैराडाइसो सोसाइटी का है। जहां बीते गुरुवार की रात टावर डी की पांचवीं मंजिल पर स्थित फ्लैट की बालकनी नीचे के तल पर आ गिरीं। गौरतलब है कि पिछले साल फरवरी में भी इसी टावर की पांच मंजिलें एक के बाद एक नीचे की ओर गिरती चलीं गई थीं। जिसमें यहां रहने वाले दो निवासियों की मौत हो गई थी। बता दें सोसाइटी के चार और टावरों को आईआईटी दिल्ली ने जांच के बाद अपनी रिपोर्ट में इन्हें रहने के लिए असुरक्षित बताते हुए खाली करने को कहा था। 

कंक्रीट में क्लोराइड से लग रहा जंग
आईआईटी-दिल्ली की रिपोर्ट में कंक्रीट में क्लोराइड के उच्च स्तर के कारण सरियों में जंग लगने की बात सामने आई थी। ये टावर D से H तक हैं, जिनमें 250 से ज्यादा परिवार रहते थे। हालांकि, अब तक टावर ए, बी, सी और जे को खाली करने का कोई आदेश नहीं दिया गया है। कुछ निवासी टावर जी और एच में रह रहे हैं, उन्होंने जिला प्रशासन और डेवलपर द्वारा उन्हें दिए गए प्रस्तावों को स्वीकार नहीं किया है।

डेवलपर ने दिए दो ऑफर, दोनों से पलटा
चिंटेल्स ने शुरू में निवासियों से 6,500 रुपये प्रति वर्गफुट की दर से बायआउट ऑफर या अपने फ्लैटों के पुनर्निर्माण के बीच चयन करने के लिए कहा। बाद में डेवलपर ने उनके फ्लैटों का पुनर्निर्माण करने से इनकार कर दिया और खरीददारी पर समझौता कर लिया। इसने हाल ही में दूसरे प्रस्ताव को भी यह कहते हुए रोक देने का निर्णय लिया कि कुछ निवासी इसमें रुचि रखते हैं। प्रशासन के खाली करने के आदेश के बावजूद टावर जी में चार और टावर एच में 10 परिवार रह रहे हैं। उन्होंने मांग की है कि डेवलपर समयबद्ध तरीके से उनके फ्लैटों का पुनर्निर्माण करे और तब तक उन्हें किराये का आवास उपलब्ध कराए। 

फ्लैट बायर्स पर दोहरी मार
आरडब्ल्यूए कोषाध्यक्ष और टावर एच निवासी सोनम अरोड़ा ने कहा यह हमारे लिए डरावना है, लेकिन हम अपने घर खाली करने से पहले एक ठोस समाधान चाहते हैं। जिन लोगों को आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत अपने फ्लैट छोड़ने के लिए मजबूर किया गया था, उन्हें ईएमआई के साथ-साथ मासिक किराए की दोहरी मार का सामना करना पड़ रहा है। हम ऐसा नहीं करेंगे। 

ताश के पत्तों की तरह ढह रही बालकनी 
टावर जी में रहने वाले मनोज सिंह बताया कि वे पहले भी बालकनियों के ढीले होने की शिकायत करते रहे हैं। उन्होंने कहा कि बालकनी ताश के पत्तों की तरह ढह रही हैं। मेरा परिवार जल्द से जल्द शिफ्ट होना चाहता है, लेकिन हम कहां जाएंगे? न तो डेवलपर और न ही प्रशासन ने हमारे लिए वैकल्पिक आवास की व्यवस्था की है। 

प्रशासन खाली कराए टावर
इस बीच, चिंटेल्स ने शुक्रवार को जिला प्रशासन को पत्र लिखकर अनुरोध किया कि टावर जी और एच को भी खाली कर दिया जाए और इमारतों के चारों ओर बैरिकेड लगा दिया जाए।टावर जी और एच में कई परिवार अब भी रह रहे हैं। इन शेष निवासियों को खाली करने का आदेश देने के हमारे बार-बार अनुरोध के बावजूद, वे वहां अब भी बने हुए हैं। ऐसे में किसी भी अप्रिय घटना के मामले में, हमें इसके लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है। चिंटेल्स ने जिला प्रशासन को लिखे पत्र में अनुरोध किया कि असुरक्षित टावर्स से रजिडेंट्स को हटाया जाए। 

अपनी सुरक्षा के लिए खाली करें फ्लैट
डेवलपर के एक प्रवक्ता ने कहा कि निवासियों को प्रशासन के फ्लैट खाली करने के आदेशों का पालन करना चाहिए। उन्होंने बताया कि काफी समय हो चुका है जब अधिकारियों ने निवासियों को टावर खाली करने के लिए कहा है। यह उनकी अपनी सुरक्षा के लिए है। उन्हें आदेशों का पालन करना चाहिए। वहीं उपायुक्त निशांत यादव ने कहा कि एक टीम शनिवार को पैराडाइसो का दौरा करेगी। उन्होंने कहा कि आईआईटी द्वारा इसे असुरक्षित घोषित किए जाने के बाद से हमने टॉवर डी को पहले ही खाली करा लिया था। हम क्षेत्र की बैरिकेडिंग कराएंगे और डेवलपर से जल्द से जल्द विध्वंस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए कहेंगे।

अन्य खबरें