Hapur : हापुड़ जिलाधिकारी मेधा रूपम ने गढ़मुक्तेश्वर मेले की शार्ट फिल्म जारी करते हुए मेले की महत्व के बारे में भी बताया। प्रशासन द्वारा तैयार कराई गई मूवी में मेले की शानदार, रंगारंग, सांस्कृतिक और प्राचीन छवि प्रस्तुत की गई है। मेले में आने वाले श्रद्धालुओं से लेकर सन्यासियों तक की मां गंगा के प्रति आस्था इस मूवी को देखकर पता चलती है। 12 मिनट 25 सेकेंड की इस मूवी को देखकर ही मां गंगा के प्रति आस्था और समर्पण का भाव अनायास ही पैदा हो जाता है। गंगा की जलधारा में तमाम पाप पुण्य को विसर्मित करके डुबकी लगाते लोगों की श्रद्धा उनके चेहरों पर आई चमक से साफ प्रतीत होती है। बरहाल प्रशासन की इस पहल से गंगा किनारे लगने वाले इस मेले को जहां राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहले से ज्यादा ख्याति मिलेगी। वही गंगा मेले में साफ सफाई और ठहरने आदि की तमाम व्यवस्थाओं से दर्शक रूबरू हो सकेंगे। डीएम मेधा रुपम ने बताया कि दो दिवसीय निवेशकों का मेला आयोजित होना है। जिसमें यह शार्ट मूवी भी चलवाई जाएगी।
शार्ट मूवी की झलक
वही अब हापुड प्रशासन ने भी इस प्राचीन परंपरा को शार्ट मूवी के सहारे प्रसारित ओर प्रचार करने की पहल कर दी है।सबका सम्मान किया,यह शॉर्ट फिल्म 5622वें गढ़ मेले पर बनाई गई है, जिसमें 35 लाख श्रद्धालु आए थे। विभिन्न चुनौतियों का सामना करने के लिए जिला टीम ने अथक परिश्रम किया।
श्रद्धालुओं के लिए है यह व्यवस्था
1650 शौचालयों और चेंजिंग रूम के साथ सफाई पर ध्यान केंद्रित किया गया, 730 सेनेटरी स्टाफ के साथ-साथ 155 बड़े हरे कूड़ेदान, 8 एसीई डोर टू डोर कलेक्शन व्हीकल, डम्पर ट्रक और रिफ्यूज कंपोस्टर्स के साथ कचरे के निपटान के लिए बल दिया गया।
पुलिस प्रशासन की सुरक्षा की व्यवस्था
सुरक्षा के लिए 150 सीसीटीवी कैमरे और 35 हाई मास्ट लाइटें लगाई गई थीं। 78 खोए हुए बच्चों और बुजुर्गों को उनके परिवारों से जोड़ा गया।अग्नि सुरक्षा के लिए, 28 फायर ब्रिगेड को रणनीतिक स्थानों पर रखा गया था और 10 विशेष रूप से सुसज्जित अग्नि नियंत्रण बाइक का उपयोग किया गया था और प्रत्येक इलेक्ट्रिक ट्रांजिस्टर पर 150 पिकेट ड्यूटी लगाई गई थी।
स्वास्थ्य विभाग ने उठाये ये कदम
मलेरिया और डेंगू परीक्षण के साथ एक पूर्ण विकसित पैथोलॉजी लैब स्थापित की गई और 200 हैंडपंपों और पानी के टैंकरों के लिए दैनिक जल परीक्षण किया गया।
नगरपालिका की साफ सफाई की व्यवस्था
मल्टी जोन को प्लास्टिक मुक्त बनाने पर भी फोकस किया गया। इसके अलावा, यातायात के मुद्दों से निपटने के लिए, 60 फीट चौड़ी सड़कें बनाई गईं, जाम को रोकने के लिए 10 ट्रैक्टर, 4 क्रेन, 20 टो चेन के साथ 600 से अधिक चेकर्ड प्लेट का उपयोग किया गया।
घाटों के लिए फ्लोटिंग जेट्टी, फ्लोटिंग रोप्स, डबल बैरिकेडिंग की गई और एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पीएसी, बाढ़ कंपनियों और 200 गोताखोरों की प्रशिक्षित टीम द्वारा विशेष निगरानी रखी गई ।