Jyeshtha Purnima 2023 : इन मंत्रों का करें जाप, मनोकामना पूरी करने के लिए कैसे करें पूजा

हापुड़ | 1 साल पहले | Shahrukh Khan

Tricity Today | Jyestha Purnima 2023



Hapur News : हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि का आरंभ 3 जून को सुबह 11:16 पर होगा, स्थिति का अंत 4 जून को सुबह 9:11 पर हो जाएगा। ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन चंद्र देव की उपासना के कारण यह व्रत 3 जून 2023 शनिवार के दिन रखा जा रहा है। आज के दिन अत्यंत शुभ संयोग का निर्माण हो रहा है। जिसमें पूजा-पाठ करने से साधक को विशेष लाभ मिलता है। हर बार की तरह इस बार भी ज्येष्ठ पूर्णिमा पर रविवार को हजारों श्रद्धालुओं ने गंगा में स्नान किया। श्रद्धालुओं ने तीर्थनगरी में भंडारों का आयोजन कर गरीबों को भोजन कराया। वहीं, श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए कड़े प्रबंध भी पुलिस ने किए।

कैसे करें पूजा
अगर आप ज्येष्ठ पूर्णिमा का व्रत रख रहे हैं तो सबसे पहले आपको सूर्योदय से पहले उठ कर स्नान करना चाहिए। उसके बाद व्रत का संकल्प लेना चाहिए। विधि-विधान पूर्वक धूप, दीप और अक्षत से पूजा करनी चाहिए। इस दिन भगवान सत्यनारायण की पूजा करना काफी शुभ माना जाता है। इस दिन दही, चावल, सफेद कपड़े, सफेद फूल का दान करना चाहिए। इसके अलावा, अगर आप चंद्रमा से जुड़ी हुई चीजें दान देते हैं तो आपकी कुंडली में चंद्रमा मजबूत होगा। शाम के समय जल से चंद्रमा को अर्ध्य देना चाहिए। इसमें दूध, चीनी, चावल और फूल मिलाना होता है। अगर आप इस विधि से चंद्र देव की पूजा करते हैं तो चंद्र देव प्रसन्न होते हैं और चंद्र दोष से मुक्ति मिलती है।

इन मंत्रों का करें जाप
अगर आप ज्येष्ठ पूर्णिमा का व्रत रख रहे हैं और इस दिन मां महालक्ष्मी को प्रसन्न करना चाहते है तो “ॐ श्रीं श्रीये नम:” मंत्र का जाप करें। इससे माता प्रसन्न होती हैं। मान्यता है कि ज्येष्ठ पूर्णिमा पर गंगा स्नान करने से पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। क्षेत्र में पड़ रही भीषण गर्मी में युवा श्रद्धालुओं और बच्चों ने गंगा में घंटो अठखेलियां कीं और भीषण गर्मी से राहत पाई। गंगा स्नान के पश्चात श्रद्धालुओं ने तीर्थनगरी में स्थित वेदांत मंदिर, हनुमान मंदिर, राधा-कृष्ण मंदिर, अमृत परिसर, शिव-पार्वती मंदिर में जाकर देवी-देवताओं के दर्शन कर कामना की। ज्येष्ठ पूर्णिमा के अवसर पर धनाढ्य श्रद्धालुओं ने भंडारों का आयोजन कर भूखों, असहायों तथा निर्धनों को भोजन कराया और धन और वस्त्र आदि दान किए जाते है। 

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