Lucknow : यूपी की राजनीति में इन दिनों आजम खान को लेकर तमाम तरह की चर्चाएं हैं। माना जा रहा कि आजम अखिलेश यादव से काफी नाराज हैं शायद यही वजह है कि उन्होंने सीतापुर जेल मिलने गए सपा विधायक रविदास मेहरोत्रा से मुलाकात नहीं की। जिसके बाद से आजम की नाराजगी सार्वजनिक हो गई है। चर्चा है कि सपा से अलग होकर आजम अपनी अलग पार्टी बना सकते हैं। वहीं पार्टी के दो कद्दावर विधायकों आजम खां व शिवपाल यादव को लेकर समाजवादी पार्टी पहले से ही असहज हो रही थी। अब आजम खान के सपा के प्रति बढ़ते उपेक्षात्मक रूख से पार्टी की बेचैनी और बढ़ गई है।
अखिलेश चाहते तो आजम जेल से बाहर होते - शिवपाल
जेल से रिहा होने के बाद आजम खां अपनी अलग पार्टी बनाएंगे या कांग्रेस के साथ जाएंगे यह सवाल तो अहम है। सपा के कई मुस्लिम विधायक आजम खां के साथ बताए जाते हैं लेकिन आजम खां को कानूनी दांवपेंच से बचाने में शिवपाल किस तरह उपयोगी हो सकते हैं यह देखने की बात होगी। खास तौर पर तब, जब उनकी भाजपा से नजदीकी बढ़ रही है। बता दें कि शिवपाल यादव ने आजम से मुलाकात के बाद कहा था कि अगर मुलायम और अखिलेश चाहते तो आजम खां जेल से अब तक बाहर होते। शिवपाल ने आजम खां को झूठे मामलों में फंसाने की बात भी कही लेकिन सावधानी बरतते हुए भाजपा की आलोचना नहीं की।
सपा के खिलाफ दिया था नाराजगी का संदेश
आजम खां को लेकर जब सपा पर दबाव बढ़ा तो उसने अपने विधायक रविदास मेहरोत्रा को उनसे मुलाकात करने सीतापुर जेल भेजा लेकिन आजम खां ने उनसे मिलने से इंकार कर दिया। बीते सोमवार को कांग्रेस नेता प्रमोद कृष्णन आजम खां से मिले और काफी देर तक बातचीत की। आजम खां ने सपा नेतृत्व द्वारा भेजे गए रविदास मेहरोत्रा से न मिल कर अपनी नाराजगी का संकेत दे दिया। इससे सपा के लिए असहज स्थिति हो गई है। सपा पर सवाल उठ रहे हैं कि उसने आजम खां की रिहाई के लिए गंभीरता से काम नहीं किया।