Lucknow : लखीमपुर हिंसा मामले के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने गुरुवार को जमानत दे दी। आशीष मिश्र केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे हैं। आशीष मिश्रा की ओर से पहले भी हाईकोर्ट ने जमानत अर्जी दाखिल की गई थी लेकिन राहत नहीं मिली थी। हालांकि इस बार कोर्ट ने आशीष मिश्रा को जमानत दे दी। लेकिन जमानत मिलने के बाद भी आशीष के रिहाई का मामला थोड़ा मुश्किल लग रहा है। दरअसल कोर्ट के ऑर्डर में धाराओं को लेकर क्लेरिकल त्रुटियों के चलते केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्रा की रिहाई मुश्किल हो गई है।
रिहाई में यहां फस रहा पेंच
कोर्ट ने बेल ऑर्डर पर में धारा 302 और 120बी यानी हत्या और साजिश का जिक्र नहीं किया है। अधिवक्ताओं का कहना है कि आशीष के जमानत के लिए उसके वकील को फिर से संशोधित बेल ऑर्डर देकर कोर्ट में अर्जी लगानी होगी। बेल ऑर्डर पर हत्या और षड्यंत्र की धाराएं जोड़ने के बाद ही आशीष को रिहाई मिल सकेगी। कानून के जानकारों के मुताबिक अभी आशीष को इस हफ्ते और जेल में रहना पड़ सकता है। उसे बाहर आने के लिए अगले हफ्ते का इंतजार करना पड़ेगा।
आशीष मिश्रा के असलहे से फायरिंग की हुई थी पुष्टि
लखीमपुर हिंसा केस में उत्तर प्रदेश SIT ने हाल ही में चार्जशीट दाखिल की थी। 5000 पन्ने की चार्जशीट में एसआईटी ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को मुख्य आरोपी बताया था। इतना ही नहीं एसआईटी के मुताबिक, आशीष घटनास्थल पर ही मौजूद था। एसआईटी ने अपनी जांच में लखीमपुर हिंसा में आशीष मिश्रा के असलहों से फायरिंग की पुष्टि की थी। आशीष मिश्रा की रिवाल्वर और राइफल से भी फायरिंग हुई।
ये था मामला
पूरा मामला 3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा से जुड़ा है। यहां किसानों ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र का विरोध करते हुए काले झंडे दिखाए थे। इसी दौरान एक गाड़ी ने किसानों को कुचल दिया था। इसमें चार किसानों की मौत हो गई थी। इसके बाद हिंसा भड़क गई थी। आरोप है कि भड़की हिंसा के दौरान किसानों ने एक ड्राइवर समेत चार लोगों को पीट-पीटकर मार डाला था। इसमें एक पत्रकार भी मारा गया था। इस मामले में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्र समेत 15 लोगों के खिलाफ हत्या और आपराधिक साजिश का केस दर्ज किया गया था।