Lucknow : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के मतदान खत्म होने के एक दिन बाद ही पूर्व मंत्री और सपा सांसद आजम खां को राहत मिली है। लखनऊ में उनके खिलाफ दर्ज एक मामले में मंगलवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच से उन्हें जमानत मिल गई। हालांकि फिर भी वो अभी जेल में ही रहेंगे क्योंकि उनके खिलाफ दो और मामले लंबित हैं, जिन पर फैसला आना बाकी है। आजम खान को जमीन पर कब्जा करने के मामले में कोर्ट ने जमानत दी है। फिलहाल आजम खां बीते दो सालों से सीतापुर की जेल में बंद हैं।
इस मामले में मिली जमानत
बता दें कि समाजवादी पार्टी सरकार में मंत्री रहे आजम खान उत्तर प्रदेश की रामपुर विधानसभा सीट से चुनाव भी लड़ रहे हैं। इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच के न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा की एकल पीठ ने मगंलवार को आजम खां को जमानत देने का का निर्देश दिया है। आजम खां के खिलाफ आईपीसी की धारा 505 (2) में चार्जशीट दाखिल हुई है। कोर्ट ने समाजवादी पार्टी आजम खां को सरकारी जमीन हड़पने के एक मामले में जमानत दे दी है। जमानत मिलने के बाद भी वह अभी भी सीतापुर की जेल में बंद रहेंगे।
दो साल में दर्ज हुए 84 मामले
आजम खान फरवरी 2020 से जेल में बंद हैं। उनके खिलाफ भैंस और बकरी चोरी से लेकर जमीन पर कब्जा करने तक के कुल 87 मामले दर्ज हैं। साल 2017 में बीजेपी के सत्ता में आने के बाद 2 सालों के भीतर उनके खिलाफ 84 मामले दर्ज किए गए थे। इनमें से 81 मामले साल 2019 के लोकसभा चुनाव के ठीक पहले और उसके ठीक बाद के दौरान दर्ज किए गए थे। फिलहाल जमीन कब्जाने के एक मामले से हाईकोर्ट ने उन्हें राहत दी है लेकिन दो और मामले लंबित होने के कारण आजम खान फिलहाल जेल से बाहर नहीं आ पाएंगे।