उत्तर प्रदेश में होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर मंगलवार को राज्य निर्वाचन आयोग ने विस्तृत दिशा निर्देश जारी किए हैं। उत्तर प्रदेश निर्वाचन आयोग ने बताया है कि पूरे राज्य में चार चरणों में पंचायत चुनाव करवाए जाएंगे। प्रत्येक मंडल में एक चरण के दौरान केवल एक ही जिले में चुनाव करवाया जाएगा। इस संबंध में चुनाव आयोग द्वारा विस्तृत दिशा निर्देश जारी किया गया है। उत्तर प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग के मुताबिक, यदि किसी मंडल में जिलों की संख्या चार से अधिक है तो वहां पर किसी एक चरण में दो जिलों में एक साथ चुनाव कराये जाएंगे।
राज्य निर्वाचन आयुक्त ने बताया कि इस बार पोलिंग पार्टी में पीठासीन अधिकारी के अतिरिक्त तीन मतदान कर्मी नियुक्त किए जाएंगे। इस बार सभी पदों के लिए मतपत्र एक ही मतपेटी में डालने का निर्णय लिया है। एक ही मतपेटी में जिला पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य, ग्राम प्रधान और ग्राम पंचायत सदस्य के मतपत्रों को डाला जायेगा।
इस बार पंचायत चुनाव में होगा यह खास
यूपी राज्य निर्वाचन आयोग की नई गाइडलाइन में कई अहम बदलाव किए गए हैं। नए नियमों के मुताबिक अगर किसी मंडल में जिलों की संख्या 4 से ज्यादा है, तो वहां पर दो चरणों में दो जिलों में एक साथ चुनाव कराया जाएगा। इस बार पोलिंग पार्टियों में पीठासीन अधिकारी के अलावा तीन मतदान कर्मचारियों की नियुक्ति की जाएगी। हालांकि इस तरह से उक्त मंडल में कर्मचारियों की कमी हो सकती है। इससे निपटने के लिए भी योजना बनाई गई है। राज्य निर्वाचन आयोग ने कहा है कि जिले के सभी विकास खंडों में एक साथ चुनाव कराने के दौरान अगर कर्मचारियों और अधिकारियों की कमी होगी, तो दूसेर मंडल के दूसरे जिलों से कर्मियों की तैनाती की जाएगी। हालांकि एक मंडल के सभी जिलों के कर्मचारियों को एक जिले से दूसरे जिले में भेजने का फैसला कमिश्नर के स्तर पर किया जाएगा।
तीन की बजाय एक मतपेटी का होगा इस्तेमाल
यूपी राज्य निर्वाचन आयोग ने इस बार एक और बदलाव किया है। सभी जिलाधिकारियों को भेजे गए निर्देश में कहा गया है कि आगामी पंचायत चुनाव में मत एक ही मतपेटी में डाले जाएंगे। इस तरह इस बार पंचायत चुनाव में हर मतदान स्थल पर तीन की जगह दो मत पेटी रखी जाएगी। चुनाव चिह्न आवंटित होने के बाद अगर प्रत्याशियों की संख्या ज्यादा हुई, तो संबंधित मतदान स्थल पर तीन की जगह एक मतपेटी रखी जाएगी। इसमें जिला पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य, ग्राम प्रधान और ग्राम पंचायत सदस्य के मतपत्रों को डाला जाएगा। सुरक्षा को भी अभेद्य बनाते का निर्देश दिया गया है। आयोग ने चुनाव में पर्याप्त संख्या में पुलिस और अतिरिक्त सुरक्षा बलों की उप्स्थिति सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया है। इस बारे में गृह विभाग को सूचित किया गया है।
वरिष्ठता को ध्यान में रखते हुए लगेगी ड्यूटी
इस बार ड्यूटी लगाने के दौरान वरिष्ठता का ध्यान रखा जाएगा। मतदान कराने वाली टीम में कर्मचारियों को उनकी वरिष्ठता का लाभ मिलेगा। राज्य निर्वाचन आयोग ने इस संबंध में स्पष्ट सूचना दी है। पीठासीन अधिकारी एवं मतदान अधिकारी को उनके ग्रेड पे के आधार पर नियुक्त किया जाएगा। इस नई गाइडलाइन के मुताबिक किसी भी अधिकारी को उनसे निम्न पद के कर्मचारी के अधीन ड्यूटी पर नहीं लगाया जाएगा। हालांकि इसमें पारदर्शिता और सटीकता के लिए कर्मचारियों की उपलब्धता के मुताबिक सॉफ्टवेयर से उनकी तैनाती की जाएगी।
महिला कर्मचारियों को मिली छूट
इस बार के पंचायत चुनाव में राज्य निर्वाचन आयोग ने एक और बड़ा बदलाव किया है। आयोग ने हर मतदान दल में महिला कर्मचारी की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया है। बताते चलें कि अब तक हर पोलिंग पार्टी में एक महिला कर्मचारी का होना अनिवार्य था। किसी टीम में एक से ज्यादा भी महिला कर्मचारियों को नियुक्त किया जा सकता था। मगर अब यह अनिवार्यता समाप्त कर दी गई है। ड्टूटी पपर तैनात किए जाने वाले सभी कर्मचारियों को प्रशिक्षण एक ही बार में दिया जाएगा। इसके लिए निर्देश जारी किया है। सभी संबंधित जिलों में पहले चरण के मतदान से पहले कर्मचारियों को प्रशिक्षित कराया जाएगा। इसके लिए राज्य निर्वाचन आयोजन और प्रशासन ने तैयारी शुरू कर दी है।