Lucknow News : कोरोना की तीसरी वेव ने दी दस्तक, जानिए कितना घातक है ये नया वेरिएंट

लखनऊ | 3 साल पहले | Sandeep Tiwari

Tricity Today | कोरोना की तीसरी वेव ने दी दस्तक



लखनऊ : कोरोना महामारी का ख़ौफ़ अभी कम नही हुआ कि दक्षिण अफ्रीका में कोरोना के नए वैरीएंट ओमिक्रोन के सामने आई खबर ने सभी का दिल दहला दिया है। यही वजह है यूपी सरकार हाई अलर्ट मोड में आ चुकी हैं। जिसके चलते मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग ने ओमिक्रोन वैरिएंट को लेकर अपनी जोरदार तैयारी भी शुरू कर दी है। यूपी में कोरोना के ओमिक्रोन वैरिएंट से बचाव के लिए 80 हजार निगरानी समितियों को अलर्ट कर दिया गया है। यह समितियां बाहर से आ रहे लोगों पर नजर रखेंगी और स्वास्थ्य विभाग को इनके बारे में जानकारी देंगी।

विदेश से आने वाले लोगों का कराया जा रहा टेस्ट
अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद की ओर से नए वैरिएंट से बचाव के लिए केंद्र द्वारा जारी गाइडलाइन को सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए गए हैं। स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने कहा कि कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन को लेकर प्रदेश में पूरी सतर्कता बरती जा रही है। जांच व बेड आदि स्वास्थ्य सुविधाएं दुरुस्त हैं। बाहर से आने वाले लोगों का आरटीपीसीआर टेस्ट कराया जा रहा है।

नए वायरस से लड़ने में मदद करेगी वैक्सीन
बलरामपुर अस्पताल के ईएमओ डॉक्टर सौरभ सिंह ने बताया कि कोरोना का न्यू वैरिएंट आया है जिसको ओमीक्रॉन नाम से जाना जा रहा है। यह सबसे पहले साउथ अफ्रीका में पाया गया है। ओमीक्रॉन में री इंफेक्शन का खतरा बहुत ज्यादा पाया जाता है। जो लोग कोविड से ग्रस्त हो चुके हैं। ऐसे लोगों को ओमीक्रॉन से ज्यादा खतरा है। वैक्सीनेशन ही इससे बचने का उपाय है। आरटीपीसीआर इस नए वायरस को डिटेक्ट करने में अभी भी उपयोगी है। साथ ही मास्क जरूर लगाएं।

सरकार की गाइडलाइंस का करना होगा पालन
जिन देशों में कोविड के नए वेरिएंट के केस सामने आ रहे हैं, उन देशों से आने वाले यात्रियों की 100 पर्सेंट आरटी-पीसीआर टेस्टिंग होगी। अगर कोई पॉजिटिव केस सामने आता है, तो केंद्र सरकार की गाइडलाइंस के मुताबिक आइसोलेशन और क्वारंटाइन का नियम लागू होगा। पॉजिटिव केस सामने आने पर जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए सैंपल भेजा जाएगा। बैठक में अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए गए कि अस्पतालों में इंफ्रास्ट्रक्चर की समीक्षा की जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि केस बढ़ने की स्थिति में पर्याप्त संख्या में बेड्स हों। वैक्सीनेशन में तेजी लाई जाए।

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