लखनऊ : देश में कोविड-19 की तीसरी लहर की आशंका अभी बनी हुई है तो वहीं कई देशों में यह लहर आ चुकी है ।अमेरिका जैसे कई देश कोविड-19 तीसरी लहर से बुरी तरह परेशान हैं जबकि वहां पर सबसे ज्यादा वैक्सीनेशन हो चुका है। वही देश में कोविड-19 की तीसरी लहर की उम्मीद अब कमजोर पड़ती भी दिखाई दे रही है। यहां तक कि विशेषज्ञों माना है कि कोरोना वायरस आने वाले दिनों में सामान्य सर्दी जुखाम की तरह असर देने वाली बीमारी बन के रह जाएगा। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में मेडिसिन के प्रोफेसर सर जान वेल का कहना है की वायरस फरवरी माह तक सामान्य जुकाम से मिलता जुलता हो जाएगा क्योंकि तब तक लोगों में वैक्सीन के चलते हार्ड इम्युनिटी विकसित हो जाएगी। वहीं प्रोफेसर जान वेल का कहना है यूनाइटेड किंगडम में हालात बद से बदतर हो चुके हैं और सर्दियों के जाने के बाद हालात ठीक हो जाने चाहिए। लोगों को वैक्सीन लगने के बाद भी वायरस का सामना करना पड़ रहा है।
हर्ड इम्युनिटी हो रही है विकसित
रिसर्च में यह बात सामने आई है कि जिन लोगों को वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी है उनमें वायरस के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो चुकी है। और आने वाले 6 महीनों में यह और मजबूत हो जाएगी । जिसके चलते कोरोना वायरस का असर कमजोर पड़ जाएगा। आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर व पद्मश्री मणीन्द्र अग्रवाल ने देश को हर्ड इम्युनिटी के मुहाने पर खड़ा हुआ पाया है,साथ ही बहुत जल्द तीसरी लहर आने की प्रबल संभावना को खारिज करते हुए दावा किया है कि भारत मे यदि तीसरी लहर का प्रकोप होता भी है तो यह दूसरी लहर जैसा भयावह नही होगा।देशभर मे एक तरफ तीसरी लहर को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है ।
बीमारियों से लड़ने के लिए अच्छी है प्रतिरोधक क्षमता
किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज की पलमोनरी एंड क्रिटिकल केयर मेडिसिन के विभागाध्यक्ष डॉ वेद प्रकाश ने बताया जिस तेजी से वैक्सीनेशन हो रहा है उसी तेजी से लोगों में हर्ड इम्युनिटी विकसित हो रही है। पश्चिमी देशों के मुकाबले हमारे लोगों में प्रतिरोधक क्षमता ज्यादा अच्छी होती है क्योंकि यहां बदलते मौसम के अनुसार बीमारियां बार-बार लोगों पर अपना असर दिखाती हैं। जिसके चलते शरीर में इन वायरस और बैक्टीरिया के खिलाफ हर्ड इम्युनिटी विकसित होती रहती है। इसी वजह से पश्चिमी देशों की अच्छी स्वास्थ्य सुविधाओं के बावजूद भी हमारे देश में लोगों में वायरस से लड़ने की क्षमता ज्यादा अच्छी साबित हो रही है।