Lucknow : HC में ताजमहल की सुनवाई टली, जानिए क्यों 20 कमरों को खुलवाने अदालत पहुंचे भाजपा नेता

लखनऊ | 2 साल पहले | Sandeep Tiwari

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Lucknow : आगरा का ताजमहल अपनी खूबसूरती से कम बल्कि विवाद की वजहों से ज्यादा सुर्खियों में है। भाजपा के अयोध्या जिले के मीडिया प्रभारी डॉ रजनीश सिंह ताजमहल के इतिहास को लेकर अदालत पहुंचें। जिसकी मंगलवार को सुनवाई होनी थी लेकिन अधिवक्ताओं की हड़ताल की वजह से टल गई है। जानकारी के मुताबिक, अब 12 मई को इस मामले में सुनवाई होगी। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को आगरा में ताजमहल के अंदर 20 कमरे खोलने का निर्देश देने की गुजारिश की गई जिससे यह पता लगाया जा सके कि वहां हिंदू मूर्तियां और शिलालेख छिपे हैं या नहीं।

करीब 75 सालों से बंद हैं ताजमहल के 20 कमरे
याचिकाकर्ता के वकील रुद्र विक्रम सिंह ने बताया कि अवध बार एसोसिएशन के द्वारा हड़ताल के चलते आज सुनवाई नहीं हो सकी है। उम्मीद है कि इसी हफ्ते सुनवाई होगी और 75 सालों का इंतजार खत्म होगा। उन्होंने कहा कि इस याचिका के माध्यम से देश के नागरिक होने के नाते हमने बहुत ही साधारण मांग की है। कि जो देश की इमारतों और धरोहरों के बारे में हमें इतिहास बताया जाता है क्या वह सही है। इसलिए मांग की गई है कि इसके लिए एक कमेटी बने जिसमें कुछ रिटायर्ड ऑफिसर, इतिहासकार हो जो तथ्य का अध्ययन करें। वहीं ताजमहल के 20 कमरों को खोल कर उसके रहस्य को जनता के बीच लाया जाए। 

संत परमहंस दास ने ताजमहल को बताया तेजोमहालय
बीते दिनों अयोध्या के संत परमहंस दास ने ताजमहल को शिव मंदिर तेजोमहालय बताते हुए उसका भूमि पूजन करने का एलान किया था। वह अपने शिष्य के साथ आगरा आए थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें रास्ते में ही रोक लिया। उन्हें कीठम स्थित सरकारी गेस्टहाउस में नजरबंद रखा गया। एक दिन बाद परमहंस दास को अयोध्या रवाना कर दिया गया। आगरा पुलिस भी उनके साथ गई थी। अयोध्या जाने से पहले संत ने आगरा पुलिस-प्रशासन पर अभद्रता करने के आरोप लगाए थे।

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