Lucknow News: जनसंख्या नियंत्रण बिल के विरोध में ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड, जाएगा कोर्ट

लखनऊ | 3 साल पहले | Sandeep Tiwari

Tricity Today | बैठक करते ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य



उत्तर प्रदेश सरकार के जनसंख्या नियंत्रण बिल का विरोध होना शुरू हो गया है। सोमवार को सुल्तान उल मदारिस के अध्यक्ष मौलाना सैयद साएम मेहंदी की अध्यक्षता में कार्यकारिणी के पदाधिकारियों और सदस्यों की बैठक हुई। जिसमें प्रदेश सरकार द्वारा लाए जा रहे जनसंख्या नियंत्रण कानून पर नाराजगी व्यक्त की गई है। आल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के जनरल सेक्रेटरी मौलाना यासूब अब्बास ने कहा कि इस कानून पर उत्तर प्रदेश सरकार को दोबारा गौर करना चाहिए और अगर सरकार जोर जबरदस्ती से यह कानून लाती है तो बोर्ड इसके लिए कोर्ट तक जाएगा। भारत में आपसी भाईचारे और मेल मिलाप पर ज्यादा जोर देना चाहिए और लोगों में शिक्षा के प्रति जागरूकता पैदा करनी चाहिए।

जबरदस्ती किसी को मुसलमान नहीं बनाया जा सकता
मौलाना यासूब अब्बास ने कहा कि कुछ लोग इस्लाम धर्म की छवि को खराब करने के लिए धर्म परिवर्तन की आड़ लेकर उसे बदनाम करने की कोशिश करते हैं। जबकि इस्लाम धर्म में कोई भी जोर जबरदस्ती नहीं है। किसी को जबरदस्ती मुसलमान नहीं बनाया जा सकता है। उन्होंने आगे कहा कि मोहम्मद साहब ने भी किसी को जबरदस्ती कलमा नहीं पढ़ाया। इंसान अपनी मर्जी से अगर इस्लाम धर्म अपनाता है, तब तो वह मुसलमान है। जोर जबरदस्ती किसी लालच या दबाव में अगर कोई किसी को मुसलमान बनाए तो यह इस्लाम धर्म के विरुद्ध है।


बोर्ड ने वसीम रिजवी को किया बायकॉट
वसीम रिजवी के जरिए कुरान की तौहीन की जा रही है। वह बिल्कुल गलत है। बोर्ड इसकी सख्त अल्फाज में निंदा करता है और वसीम रिजवी का बायकाट करता है। इस्लाम धर्म में जो बातें मोहम्मद साहब बता गए या कुरान में जितनी आयतें और सूरे हैं, वह कयामत तक बदले नहीं जा सकते। ना ही उसमें एक कमी या ज्यादती की जा सकती है। क्योंकि इस्लाम एक मुकम्मल दीन है। कुरान की हिफाजत करने वाला अल्लाह है। साथ ही हुसैनाबाद ट्रस्ट के अंतर्गत आने वाली इमारतों की जर्जर हालत पर भी अपनी नाराजगी का इजहार किया है।

यह बिल मुसलमानों के खिलाफ लाया जा रहा है
मौलाना यासूब अब्बास ने कहा कि मुझे लग रहा है कि यह बिल पूरी तरह से मुसलमानों के लिए लाया गया है। मैं बचपन से देखा है कि बसों के पीछे लिखा रहता था कि हम दो हमारे दो वह खाली एक नारा है। अगर कानून बन जाएगा तो इससे कुछ नहीं होगा। अभी आपने देखा कि कानून की बात चली और उसी समय गाजियाबाद में चार बच्चे पैदा हुए तो यह अल्लाह के इख्तियार में है। ना कि इंसान के इख्तियार में है। अगर सरकार चाहती है कि जनसंख्या नियंत्रण हो तो उसके लिए शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करे। स्कूल खोलें, विश्वविद्यालय खोलें जिससे कि शिक्षा का स्तर बढ़ सके।

अन्य खबरें