बायोमैट्रिक फिंगरप्रिंट की क्लोनिंग कर आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम के द्वारा ऑनलाइन स्कैन पैन कार्ड की मदद से पैसे निकालने वाले दो अपराधी देवेंद्र कुमार मौर्या और रमेश कुमार को लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट की साइबर क्राइम टीम ने वाराणसी जनपद से गिरफ्तार किया है। जेसीपी क्राइम नीलाब्जा चौधरी ने बताया कि ये रजिस्ट्री ऑफिस के ऑनलाइन दिखने वाले दस्तावेज को देखते थे। उसके अंगूठे के निशान को डार्क स्कैन करके निकालते थे। उसके बाद उस अंगूठे के जरिए पैन कार्ड मर्ज होने की वजह से उसका नंबर भी प्राप्त कर लेते थे।
इसके बाद बायोमैट्रिक फिंगरप्रिंट की क्लोनिंग करके आधार के जरिए एटीएम मशीन व अन्य अंगूठे के जरिए निकलने वाले पैसे निकालने की जालसाजी करते थे। यह आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम के माध्यम से ऑनलाइन धोखाधड़ी कर लाखों रुपए की ठगी का खेल कर चुके हैं। साथ ही अंगूठे के निशान को आधार से मैच कराकर डुप्लीकेट दस्तावेजों को भी तैयार करने का मामला इन दोनों शातिर अपराधियों के द्वारा किया जाता है। इनका नेटवर्क उत्तर प्रदेश समेत दिल्ली-मुंबई में फैला हुआ है। इनके साथ शामिल अन्य लोगों की तलाश के लिए टीम लगी हुई हैं। जल्दी उनको भी पकड़ा जाएगा।
बता दें कि भारत सरकार द्वारा दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में आम नागरिकों की सुविधा के लिए आईपीएल सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। जिसके तहत हर व्यक्ति अपने खाते से 10 हज़ार की रकम अपने आधार नंबर व फिंगरप्रिंट लगाकर जन सुविधा से प्राप्त कर सकता है। यह सुविधा पूरे भारतवर्ष में प्रदान की जा रही है। करोड़ों लोगों के द्वारा इस सुविधा का लाभ लिया जा रहा है।
ज्वाइंट सीपी नीलाब्जा चौधरी ने बताया कि साइबर क्राइम सेल की टीम में अखिलेश चौरसिया, फिरोज ब्रदर समेत अन्य सदस्यों ने इस खुलासे में अहम भूमिका निभाई है। इनके पास से 50 हज़ार नगद, 4 मोबाइल फोन, 1 स्टाम्प मशीन, क्लोन किये गए फिंगरप्रिंट सैम्पल, इमेज बूस्टर/क्लीनर लिक्विड व जेल, 4 बायोमैट्रिक डिवाइस, 4 सिंगल साइडेड टेप बरामद हुआ है। पुलिस इनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर रही है।