मोहर्रम को लेकर यूपी के डीजीपी मुकुल गोयल द्वारा हाल ही में जारी की गई गाइडलाइन पर शिया धर्म गुरुओं का गुस्सा अभी भी बरकरार है। इस बार शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जवाद ने अपर मुख्य सचिव ग्रह अवनीश अवस्थी के ऊपर निशाना साधते हुए कहा कि यह अपनी जिद पर अड़े हैं, इसी वजह से इनके द्वारा मोहर्रम को लेकर दूसरी गाइडलाइन जारी नहीं की गई है। मौलाना ने इसके विरोध में जब तक नई गाइडलाइन्स जारी नहीं हो जाती तब तक मजलिस न पढ़ने का एलान किया है।
इस बात की है नाराजगी
डीजीपी कार्यालय से जारी किए गए आदेश में यह लिखा है कि मोहर्रम के अवसर पर शिया समुदाय के लोगों द्वारा तबर्रा पढ़े जाने पर सुन्नी समुदाय द्वारा कड़ी आपत्ति व्यक्त की जाती है। जो इसके प्रतिउत्तर में 'मदहे सहाबा' पढ़ते हैं। जिस पर शियाओं द्वारा आपत्ति की जाती है, शिया वर्ग के असामाजिक तत्वों द्वारा सार्वजनिक स्थानों, पतंगों एवं आवारा पशुओं पर तबर्रा लिखे जाने तथा देवबंदी अहले हदीस फिरकों के सुन्नियों के असामाजिक तत्वों द्वारा इन्ही तरीकों से अपने खलीफाओं के नाम लिखकर प्रदर्शित करने पर दोनों फिरकों के मध्य व्याप्त कटुता के कारण विवाद संभावित रहता है।
ये चाहते हैं शिया धर्मगुरु
डीजीपी मुख्यालय से जारी किया गये पत्र को वापस लेकर दूसरी गाइडलाइन जारी किया जाए, क्योंकि इस पत्र के माध्यम से शिया समुदाय को टारगेट किया गया है। इसलिए डीजीपी मुख्यालय से आवामी तौर पर पत्र जारी करके माफी मांगी जाए। और अगर हमारी मांगे नहीं पूरी हुई,तो ऑल इंडिया शिया पर्सनल ला बोर्ड आगे की रणनीति तय करेगा।
मजलिस नहीं पढ़ने का एलान
मौलाना कल्बे जवाद ने कहा कि हम लोग अवनीश अवस्थी से कह-कह कर थक गए की नई गाइडलाइन जारी करो लेकिन वह जारी नहीं कर रहे हैं। अगर नई गाइडलाइन जारी नहीं होती हैं, तो हम कल से मजलिस नहीं पढ़ेंगे हमारे साथ बदतमीजी की जा रही है हमारे ताजिए फाड़े जा रहे हैं लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। हमारे साथ ज़िद और हककर्मी से काम लिया जा रहा है। सिया ने हमेशा पुलिस का साथ दिया है लेकिन हमारे साथ धोखा किया जा रहा है गवर्नमेंट से हम कहना चाहते हैं कि अगर नई गाइडलाइन जारी नहीं की गई तो कल से हम बायकॉट करेंगे। हमे बसपा,सपा, कांग्रेस के जमाने में कुचला गया और बिजेपी भी वही कर रही है।
हिंदू-मुस्लिम का दंगा भड़काना चाहती है पुलिस
बीते 2 अगस्त को शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जवाद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि गाइडलाइन में शिया को अपमानित किया गया है। झूठी और मनगढंत बाते उसमे की गई है कि शिया मोहर्रम में तबर्रा पढ़ते हैं जिससे झगड़ा होता है जबकि कोई तबर्रा नहीं पढ़ा जाता है 25 साल से शिया- सुन्नी के बीच कोई झगड़ा नहीं हुआ। जानवरों पर तबर्रा लिखने वाली बात बिल्कुल झूठ है। मोहर्रम के जरिये हिन्दू- मुस्लिम का दंगा फैलाना चाहते हैं। ये यूपी डीजीपी की तरफ से जारी की गई गाइड लाइन नहीं लग रही। बल्कि ऐसा लगता है जैसे किसी अलकायदा के मुल्ला ने बयान दिया हो। जब तक ये बयान वापस नहीं होता तब तक हम लोग इनकी पीस मीटिंग को बॉयकाट करते हैं। इसको लेकर हम मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री तक जाएंगे।