यूपी निकाय चुनाव पर मायावती बोलीं- ईवीएम नहीं बैलेट से कराएं इलेक्शन, भाजपा पर आरक्षण के नियमों की अनदेखी का आरोप

लखनऊ | 2 साल पहले | Mayank Tawer

Google Image | Mayawati



Lucknow News : उत्तर प्रदेश में गठबंधन, बाहर से समर्थन और पूर्ण बहुमत की सरकारें चला चुकी बसपा सुप्रीमो मायावती अप्रत्याशित निर्णयों के लिये जानी जाती हैं। निकाय चुनावों की तिथि घोषित होने के बाद अचानक उन्होंने उसी अंदाज में अब निकाय चुनाव बैलेट पेपर से कराने की मांग उठाई है। वह ईवीएम के उपयोग के विरोध में हैं। यह आरोप भी लगाया कि आरक्षण निर्धारित करने में नियमों का पालन नहीं किया गया फिर भी उनकी पार्टी पूरी मजबूती से निकाय चुनाव लड़ेगी।

सोमवार को बसपा के प्रदेश मुख्यालय पर बुलाई प्रेस कांफ्रेंस में मायावती नहीं है कि बसपा एकमात्र ऐसा दल है, जो दलित, पिछड़ों की आवाज उठाता है। इस वर्ग के लोगों के उत्थान के लिये कांशीराम ने पूरा जीवन लगा दिया। दोहराया कि निकायों के आरक्षण तय करने में नियमों को ताक पर रख दिया गया। दलितों, पिछड़ों और महिलाओं को सही ढंग से आरक्षण सीटों का हक नहीं मिला। भाजपा ने इसमें अपना स्वार्थ साधने का प्रयास किया है।

मायावती ने कहा, "नगर निकाय का चुनाव फ्री एंड फीयर लेस कराया जाए। लंबे इंतजार के बाद निकाय चुनाव कराए जा रहे हैं। यूपी में बेरोजगारी तेजी से बढ़ी है। गरीबों, पिछड़ों के लिए बसपा का सत्ता में आना आवश्यक है। विरोधी पार्टियों के लोग इस चुनाव को लेकर हर तरह का हथकंडा अपनाने में लगे हैं।

उन्होंने भाजपा का नाम लिये बगैर इशारों में कहा, "ये लोग पसमांदा मुसलमानों को साधने में लगे हैं। जबकि सचाई ये है कि भाजपा राज में वे वर्ग उतना ही असुरक्षित महसूस करता है, जितना कांग्रेस राज में करते थे। कहा कि भाजपा की नीतियों के चलते पूरा समाज ही पसमांदा बन गया है। लोगों को बीजेपी के मिथ्या प्रचारों से दूर होते हुये, बीएसपी को कामयाब बनाना है। प्रदेश के भाइयों और बहनों से मेरी यही उम्मीद है।
 
शाइस्ता को मेयर का टिकट नहीं मिलेगा
मायावती ने यह भी कहा, "उमेश पाल हत्याकांड के बाद प्रयागराज की स्थिति  बदली हुई है। अब अतीक अहमद, उनकी पत्नी शाइस्ता परवीन और उनके परिवार के किसी सदस्य को बसपा का टिकट नहीं दिया जाएगा। शाइस्ता पार्टी में रहेगी या नहीं, यह उनकी गिरफ्तारी के बाद तय होगा।"

बता दें कि उमेश पाल हत्याकांड में शाइस्ता को आरोपी बनाया गया है। प्रयागराज पुलिस ने उन पर ईनाम घोषित कर दिया है। इस हत्याकांड से पहले मायावती ने शाइस्ता परवीन को बसपा में शामिल करते हुए प्रयागराज से मेयर का प्रत्याशी बनाने का संकेत दिया था। वह उसकी तैयारी भी कर रही थीं।

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