चित्रकूट जेल में शूटआउट : वेस्ट यूपी में आतंक का पर्याय मुकीम काला मारा गया, ईस्ट और वेस्ट के तीन कुख्यात मरे

लखनऊ | 3 साल पहले |

Tricity Today | निरुद्ध अंशुल दीक्षित



इस समय की बड़ी खबर सामने आ रही है। उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जिला जेल में ताबड़तोड़ फायरिंग हुई है। इस गोलीबारी में उत्तर प्रदेश के 3 बड़े बदमाशों की मौत हो गई है। जिसमें से दो बदमाशों की हत्या एक बदमाश और एक बदमाश की मौत पुलिस की गोली लगने से हो गई है। 

दरअसल, उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जिला जेल शातिर बदमाश निरुद्ध अंशुल दीक्षित, मेराजुद्दीन और मुकीम उर्फ काला बंद है। बताया जा रहा है कि तीनों हाई सिक्योरटी बैरंक में बंद है। शुक्रवार को निरुद्ध अंशुल दीक्षित को कही से बंदूक मिल गई। जिसके बाद अंशुल दीक्षित ने शातिर बदमाश मेराजुद्दीन और मुकीम उर्फ काला पर गोली चलाना शुरू कर दिया। जिसके गोली की आवाज सुनकर जेल में हड़कंप मच गया। 

मौके पर पहुंची पुलिस की अंशुल दीक्षित से मुठभेड़ हुई। जिसमें पुलिस की गोली लगने से अंशुल दीक्षित की भी मौके पर मौत हो गई। इस शुटआउट में शातिर बदमाश निरुद्ध अंशुल दीक्षित, मेराजुद्दीन और मुकीम उर्फ काला की मौत हो गई है। मौके पर भारी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात है। डीएम और एसपी मौके पर मौजूद हैं।

यूपी के चित्रकूट जिला कारावास में शुक्रवार को गैंगवार के चलते खूनी खेल शुरू हो गया। दो गैंग के बीच भिड़ंत की वजह से चित्रकूट जेल में करीब आधे घंटे तक गोलीबारी होती रही। पश्चिमी यूपी के कुख्यात गैंगेस्टर अंशु दीक्षित ने मुख्तार अंसारी के करीबी मेराज और मुकीम काला की गोली मारकर हत्या कर दी। मेराज को हाल ही में बनारस जेल से चित्रकूट भेजा गया था। जबकि मुकीम काला को सहारनपुर कारागृह से लाया गया था। गोलीबारी की सूचना पर भारी संख्या में पुलिस फोर्स मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने अंशु दीक्षित से कई बार सरेंडर करने के लिए कहा। लेकिन वह अंधाधुंध फायरिंग करता रहा। 

जवाबी कार्रवाई में लगी गोली
मजबूरन पुलिस को जवाबी कार्रवाई करनी पड़ी। इसमें अंशु भी मारा गया। जानकारी के मुताबिक, वेस्ट यूपी के कुख्यात गैंगेस्टर अंशु दीक्षित ने शुक्रवार की सुबह परेड के बाद जेल में बंद कैदी मेराजुद्दीन और मुकीम उर्फ काला पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसानी शुरू कर दीं। अचानक हुए इस हमले से दोनों को संभलने का मौका नहीं मिला और दोनों की मौके पर ही मौत हो गयी। इसके बाद भी अंशु शांत नहीं हुआ। वह काफी देर तक जेल के भीतर ताबड़तोड़ फायरिंग करता रहा। जेल में अफरातफरी का माहौल था। करीब आधे घंटे तक जेल कर्मी भी खौफ में उसके करीब नहीं गए।

मुकीम को सहारनपुर जेल से भेजा गया था
आनन-फानन में कई थानों की पुलिस को मौके पर बुलाया गया। फोर्स ने अंशु दीक्षित की घेराबंदी कर सरेंडर करने के लिए कहा। मगर वह पुलिसवालों पर गोली बरसाता रहा। इंतजार के बाद पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की। पुलिस की गोली से अंशु दीक्षित ढेर हो गया। गैंगवार में मारा गया बदमाश मुकीम काला हाल ही में सहारनपुर जेल से चित्रकूट लाया गया था। जबकि ईस्ट यूपी के बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी का गुर्गा मेराज बनारस की जेल से यहां लाया गया था। 

तीन अन्य कैदियों पर किया हमला
पता चला है कि अंशु दीक्षित ने मुकीम, मेराज के अलावा तीन अन्य कैदियों पर भी हमला किया था। हालांकि अभी इसकी आधिकारिक पुष्ट नहीं हो पाई है। मौके पर पुलिस बलों की भारी तैनाती है। चित्रकूट के जिलाधिकारी और एसपी भी जेल पहुंचे हैं। जेल को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। पुलिस की तरफ से अभी इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है कि आखिर अंशु दीक्षित के पास जेल के अंदर अवैध हथियार कैसे पहुंचा?

मुकीम को मारने की सुपारी ली थी
अंशु दीक्षित वेस्ट यूपी का कुख्यात अपराधी है। पता चला है कि उसने मुकीम काला को मारने की सुपारी ली थी। मगर मुकीम चित्रकूट जेल में बंद था। इसी लिए अंशु ने सेटिंग से चित्रकूट जेल में अपना ट्रांसफर करवाया था। मगर बड़ा सवाल यह है कि उसे जेल के अंदर हथियार किसने पहुंचाया? आखिर जेल प्रशासन को इसकी भनक कैसे नहीं लगी?

लखनऊ यूनिवर्सिटी से बदली संगति
अंशु दीक्षित यूपी के सीतापुर जिले के मानकपुर कुड़रा बनी का मूल निवासी था। लखनऊ विश्वविद्यालय में छात्र के रूप दाखिला लेने के बाद वह अपराधियों के संपर्क में आया। इसके बाद उसने कभी पीछे मुड़ के नहीं देखा। साल 2008 में उसे पुलिस ने गोपालगंज (बिहार) के भोरे में अवैध हथियारों के जखीरे के साथ पकड़ा था। साल 2019 दिसंबर में अंशु दीक्षित का सुल्तानपुर जेल का एक वीडियो वायरल हुआ था।

 

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