UP Election : युवा डॉक्टर राजन सिंह की याचिका पर हाइकोर्ट ने निर्वाचन आयोग को लगाई फटकार, दी ये नसीहत

लखनऊ | 3 साल पहले | Sandeep Tiwari

Tricity Today | डॉ.राजन सिंह



Lucknow : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election 2022) में निर्वाचन आयोग की गलतियों पर हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने कड़ी फटकार लगाई है। बीती 8 जनवरी को चुनाव आयोग के दस्तावेजों में कई गलत तथ्य और डाटा को सम्मिलित किया गया था। उसमें कई त्रुटियां पाई गईं। जिसके चलते लखनऊ के 22 वर्षीय युवा डॉक्टर राजन सिंह ने जनहित याचिका दायर की। इस याचिका पर मंगलवार को सुनवाई हुई। उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में चुनाव आयोग से कहा, "हम आशा और उम्मीद करते हैं कि भारत निर्वाचन आयोग भविष्य में जारी होने वाले दस्तावेजों और डाटा में दोबारा गलतियाँ नहीं करेगा।"

दोबारा निरीक्षण तक चुनाव न कराने की मांग
इस सुनवाई के में डॉ.राजन सिंह और भारत निर्वाचन आयोग की तरफ से अधिवक्ता अदालत में हाजिर हुए। आयोग के वकील विजय विक्रम सिंह शामिल हुए। डॉ.राजन सिंह ने अपनी प्रार्थना में कहा कि भारत निर्वाचन आयोग एक संवैधानिक संस्थान है। जिसको संविधान ने स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव कराने की जिम्मेदारी दी है। निष्पक्ष चुनाव ही लोकतंत्र का सबसे मजबूत आधार है। लेकिन भारत निर्वाचन आयोग अपनी निष्पक्षता प्रमाणित करने में कई जगह विफल रहा है। निर्वाचन आयोग ने यूपी चुनाव 2022 में जारी अपने कई दस्तावेजों में गलत तथ्य एवं डाटा को सम्मिलित किया है। इसलिए जब तक चुनाव आयोग निर्वाचन संबंधी डाटा का पुनः निरीक्षण नहीं हो जाता, तब तक उच्च न्यायालय चुनाव को स्थगित करे।

हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग को दी नसीहत
न्यायधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायधीश मोहम्मद फैज आलम खान की संयुक्त खंडपीठ ने राजन सिंह की प्रार्थना को खारिज कर दिया है। लेकिन डॉ.राजन सिंह के द्वारा उच्च न्यायालय में पेश किए गए दस्तावेजों के आधार पर न्यायालय ने यह माना कि चुनाव आयोग द्वारा जारी 8 जनवरी 2022 के प्रेसनोट में गलतियां थीं। इसीलिए  उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा, "हम आशा और उम्मीद करते हैं कि भारत भारत निर्वाचन आयोग की ओर से भविष्य में जारी दस्तावेजों के डाटा में दोबारा गलतियाँ नहीं देखने को मिलेंगी।" बता दें कि राजन ने यह याचिका 2 फरवरी को दायर की थी।

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