लखनऊ : लखनऊ के इस मंदिर का दो हजार वर्ष पुराना है इतिहास, 40 दिन तक दीपक जलाने से होती है हर मन्नत पूरी

लखनऊ | 3 साल पहले | Sandeep Tiwari

Tricity Today | लखनऊ के चौक इलाके में बड़ी काली जी का मंदिर है



लखनऊ :  देश में मां के रूपों के अनेकोनेक मंदिर मौजूद हैं। जिनको लेकर अनेकों तथ्य सुनने को मिलते है, लेकिन आज हम आपको एक तथ्य के बारे में बताएंगे जो की काफी रोचक है। लखनऊ के चौक इलाके में बड़ी काली जी का मंदिर है। जिसकी स्थापना गुरु शंकराचार्य द्वारा दो हज़ार साल पहले की गयी थी। हालांकि मंदिर का वर्तमान ढांचा करीब 300 वर्ष पुराना है। मान्यता है कि अगर कोई भी भक्त लगातार 40 दिन तक बड़ी काली माता के मंदिर में आकर माता जी के दर्शन करे और दीप प्रज्जवलित कर प्रसाद चढ़ाए, तो माता जी उसकी सारी मुरादें पूरी कर देती हैं और सारी परेशानियां खत्म हो जाती है। यही वजह है कि दूरदराज से भक्त मां भगवती के दर्शन करने के लिए आते हैं।

ये है मंदिर का इतिहास
काली जी मंदिर ट्रस्ट के सचिव महंत सोम ओम् भारती ने बताया कि मुगलों ने जब इस मंदिर पर धावा बोला था तो यहां के पुजारी ने यहां स्थापित मूर्ति को बचाने के लिए उसे एक कुएं में फेंक दिया था, जिसकी वजह से हमारी धरोहर तो बच गई, लेकिन देवी कि मूर्ति की जगह लक्ष्मी -विष्णु कि विग्रह मूर्ति की स्थापना कि गई। आज जिस मूर्ति को हम माता काली की मूर्ति समझ के पूजा करते हैं वो लक्ष्मी -विष्णु हैं। उन्होंने बताया कि इस मंदिर में एक बेशकीमती अष्टधातु की मूर्ति भी है जो दशमी के दिन निकाली जाती है। वे कहते हैं कि दशमी के दिन राज्यपाल ही इस मूर्ति को निकालते हैं और विधि-विधान से पूजा करने के बाद उसे फिर रख दिया जाता है, लेकिन पिछले  पांच-छह साल से इस मूर्ति को निकाला ही नहीं गया है क्योंकि इस ओर किसी का ध्यान ही नहीं गया है।

इसलिए मनाई जाती है नवरात्रि
आश्विन मास में शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शारदीय नवरात्रि शुरू हो जाते हैं। हिंदू धर्म में नवरात्रि का बहुत अधिक महत्व होता है। नवरात्रि के 9 दिनों में मां के 9 रूपों की पूजा- अर्चना की जाती है। मां को प्रसन्न करने के लिए भक्त व्रत भी रखते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार नवरात्रि के दौरान विधि- विधान से मां दुर्गा की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।

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