आवंटियों को कब्जा दिलाने के लिए यूपी रेरा सख्त : 250 मामलों को भेजेंगे कोर्ट और लगेगा तगड़ा जुर्माना, नहीं चलेगी प्रमोटर की मनमानी

लखनऊ | 1 महीना पहले | Jyoti Karki

Tricity Today | Symbolic Image



Lucknow News : उत्तर प्रदेश रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (UP RERA) ने आवंटियों को उनकी संपत्ति का कब्जा दिलाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। यूपी रेरा के अध्यक्ष संजय भूसरेड्डी (Sanjay Bhusreddy) ने 250 मामलों को एडज्यूडिकेटिंग ऑफिसर्स के न्यायालयों में भेजने का निर्णय लिया है। इन मामलों में प्रोमोटर्स द्वारा रेरा के आदेशों के बावजूद आवंटियों को कब्जा नहीं दिया गया था। अब एडज्यूडिकेटिंग ऑफिसर्स, जो पूर्व जिला न्यायाधीश हैं, यूपी रेरा नियमावली के नियम-24 के तहत सिविल प्रोसीजर कोड की शक्तियों का उपयोग करते हुए आवंटियों को शीघ्र कब्जा दिलाएंगे।


एनसीआर कार्यालय के एडज्यूडिकेटिंग ऑफिसर्स को भेजे
भूसरेड्डी ने कहा, "हम प्रोमोटर्स द्वारा रेरा के आदेशों के अनुपालन में किसी तरह की मनमानी स्वीकार नहीं करेंगे। रेरा अधिनियम आवंटियों के हितों की सुरक्षा के लिए बनाया गया है और हम यह सुनिश्चित करेंगे कि प्रोमोटर समय पर आदेशों का पालन करें।" इस कदम के तहत, 130 मामले रेरा मुख्यालय और 120 मामले एनसीआर कार्यालय के एडज्यूडिकेटिंग ऑफिसर्स को भेजे गए हैं। ये अधिकारी न केवल कब्जा दिलाएंगे बल्कि आवश्यकता पड़ने पर संपत्ति को अटैच कर सकते हैं और रिसीवर नियुक्त कर सकते हैं।

आवंटियों के हितों की सुरक्षा 
यूपी रेरा ने यह भी निर्णय लिया है कि जिन मामलों में एडज्यूडिकेटिंग ऑफिसर्स के माध्यम से कब्जा दिलाना पड़ेगा, उनमें संबंधित प्रोमोटर्स पर भारी अर्थदंड भी लगाया जाएगा। यह अर्थदंड जिलाधिकारी के माध्यम से वसूल किया जाएगा।भूसरेड्डी ने आश्वासन दिया कि यूपी रेरा स्थिति की नियमित समीक्षा करेगा और आवंटियों के हितों की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाता रहेगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि नियम और अधिनियम सभी हितधारकों की भलाई के लिए बनाए जाते हैं और इनका पालन करना सभी के हित में है।

आवंटियों को राहत मिलने की उम्मीद 
यह कदम उत्तर प्रदेश में रियल एस्टेट क्षेत्र में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। इससे आवंटियों को राहत मिलने की उम्मीद है, जो लंबे समय से अपनी संपत्ति का कब्जा पाने के लिए संघर्ष कर रहे थे।

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