Lucknow : उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स यूपी एसटीएफ ने एक नकली आईपीएस ऑफिसर को गिरफ्तार किया है।उसने खुद को एक आईपीएस अधिकारी के रूप में पेश किया और किसी को भी उस पर संदेह नहीं हुआ। लेकिन बुधवार शाम को जब प्रतीक कुमार मिश्रा को लखनऊ के गोमती नगर से गिरफ्तार किया गया तो पता चला कि वह लंबे समय से नगर निगम, पुलिस विभाग आदि में नौकरी दिलाने का रैकेट चला रहा था। एसटीएफ ने उसके पास से दो मोबाइल फोन, एक फर्जी आईपीएस आईडी कार्ड, कांस्टेबल पद के लिए नियुक्ति पत्र और उत्तर प्रदेश भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड से संबंधित दस्तावेज बरामद किए हैं।
लोगों को फंसाने के लिए वॉयस चेंजिंग सॉफ्टवेयर का किया प्रयोग
एसटीएफ के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विशाल विक्रम सिंह ने बताया कि, मिश्रा ने नौकरी चाहने वालों को फंसाने के लिए वॉयस चेंजिंग सॉफ्टवेयर या वॉयस-ओवर-इंटरनेट प्रोटोकॉल का इस्तेमाल किया। विशाल विक्रम सिंह ने कहा कि प्रतीक ने पहली कोरोना लहर के दौरान कई लोगों को एक करोड़ रुपये का चूना लगाया था। यूपी एसटीएफ अब उसके कुकृत्यों का पता लगाने के लिए मामले की और जांच की जा रही है। बता दें लखनऊ मानकनगर के गंगाखेड़ा कालोनी कनौसी निवासी प्रतीक मिश्रा को एसटीएफ ने विभूतिखण्ड के पिकप भवन के पास से पकड़ा है।
250 लोगों से कर चुका ठगी
जानकारी के मुताबिक, आरोपी ने विभिन्न विभागों में नौकरी दिलाने का झांसा देकर करीब 250 लोगो से की करोड़ो ठगी कर चुका है। फर्जी आईपीएस अधिकारी व NIC का स्टेट हेड बन की ठगी। वहीं गोमतीनगर में सायबर सॉल्यूशन इन्फॉर्मेशन सेंटर खोल लोगो को नौकरी देने के नाम पर भी लोगो को चुना लगाकर करोड़ो की जालसाजी। NIC का हेड बताकर लॉक डाउन में नौकरी देने व रजिस्ट्रेशन के नाम पर करोड़ो रुपए की रकम डकार कम्पनी बन्द कर फरार हो गया था। इसके बाद आरोपी के खिलाफ विभूति खंड थाने में मुकदमा दर्ज हुआ था।