Lucknow : उत्तर प्रदेश में निजी स्कूलों की लगातार बढ़ रही मनमानी पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने नया आदेश जारी किया है। जो स्कूल किताब, कॉपी और यूनिफॉर्म बेचते नजर आएंगे और अभिभावकों से मनमाना पैसा वसूल करेंगे, तो उन पर कड़ी कार्यवाही की जाएगी। लेकिन इस आदेश से अभिभावकों को इस वर्ष कोई फायदा नहीं होने वाला है। क्योंकि लोगों द्वारा बच्चों की पढ़ाई के लिए किताबें और स्कूल यूनिफॉर्म खरीदी जा चुकी हैं। सरकार अभिभावकों ने कहा कि अब इस आदेश का कोई फायदा नहीं हैं।
कुछ दिन पहले देना चाहिए था आदेश: अभिभावक
वहीं श्याम किशोर त्रिपाठी ने कहा कि इस साल तो बच्चों के लिए सभी चीजें खरीदी जा चुकी हैं ऐसे में सरकार को अगर यह फैसला लेना था तो कुछ दिन पहले लेना चाहिए था। जिससे कि उन्हें इस वर्ष इसका लाभ मिल पाता। हालांकि आने वाले समय में इसका फायदा मिलेगा। उन्होंने कहा कि अभी तक स्कूलों द्वारा सभी चीजों के लिए दुकाने निर्धारित रहती थी। सरकार के इस आदेश से निजी स्कूल संचालकों का मनमानी रवैया रुकेगा। लेकिन उसके लिए सरकार को शिकायत के बाद तत्काल कार्रवाई करनी होगी। जिससे निजी स्कूलों में बच्चों का एडमिशन कराते वक्त स्कूल अपने किसी परिचित दुकानों से किताबें, ड्रेस आदि खरीदने का दबाव न डाल पाएं।
कोरोना की वजह से बिगड़ गया पूरा बजट
अभिभावक अरविंद कुमार तिवारी ने कहा कि कोरोना काल के बाद अब बच्चों की पढ़ाई सुचारू रूप से शुरू हो पाई है। क्योंकि पिछले 2 वर्षों से कोरोना का संक्रमण था जिसके चलते बच्चों की पढ़ाई लिखाई ऑनलाइन माध्यम से ही चल रही थी। बावजूद इसके स्कूलों द्वारा मनमाने ढंग से फीस ली जा रही थी। ऐसे में सरकार ने कॉपी किताबों के लिए निजी स्कूलों के लिए जो आदेश दिया है। उससे इस वर्ष किसी भी तरह का लाभ नहीं मिल पाएगा। क्योंकि स्कूलों द्वारा बच्चों के लिए कॉपी किताबों व स्कूल ड्रेसेस के लिए जो दुकाने निर्धारित थी उनसे सभी चीजें खरीदी जा चुकी हैं।