प्रदेश के सत्रह जिलों में बाढ़ का खौफ़नाक मंजर, मुख्यमंत्री रख रहे हैं सीधी नजर

Google Image | प्रतीकात्मक तस्वीर



उत्तर प्रदेश में बाढ़ की वजह से आपात के हालात बने हुए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी जिलाधिकारियों को जनपद के वरिष्ठ अधिकारियों संग सामंजस्य बना कर इस खतरनाक स्थिति से निपटने का निर्देश दिया है। उन्होंने बाढ़ प्रभावित जिलों के सभी बांधों और तटबंधों पर पूरी नजर रखने को कहा है। बांधों और तटबंधों को किसी भी तरह के नुकसान से बचाने के लिए सभी जरूरी और प्रभावी कदम उठाने के लिए निर्देशित किया है।

प्रदेश के 17 जिले अंबेडकर नगर, अयोध्या, आजमगढ़, बहराइच, बलिया, बाराबंकी, बस्ती, देवरिया, फर्रूखाबाद, गोंडा, गोरखपुर, कासगंज, कुशीनगर, लखीमपुर खीरी, मऊ, शाहजहांपुर और सीतापुर के कुल 893 गांव बाढ़ की विभीषिका झेल रहे हैं। बाढ़ प्रभावित जिलों में सर्च एवं रेस्क्यू के लिए #NDRFHQ की 12 टीमें तथा एसडीआरएफ व पीएसी की 17 टीमें तैनात की गई हैं। बाढ़ प्रभावित लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाने के लिए 763 नावों को  काम पर लगाया गया है।

मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने सभी जिला अधिकारियों को निर्देश दिया है कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में लोगों की मदद के लिए प्रांतीय रक्षक दल, होमगार्ड, युवक मंगल दल और दूसरे संगठनों के स्वयंसेवकों की मदद ली जाए। राज्य सरकार बाढ़ से प्रभावित परिवारों को खाद्य सामग्री वितरित कर रही है। राज्य सरकार हर नागरिक को पौष्टिक खाद्य साम्रगी मुहैया कराने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके अंतर्गत खाद्यान्न किट उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इस किट में 10 किलो आटा, 10 किलो चावल, 10 किलो आलू, पांच किलो  लाई, दो किलो अरहर की दाल, दो किलो भुना चना, 500 ग्राम नमक और 250 ग्राम हल्दी वितरित की जा रही है। दैनिक दिनचर्या में जरूरी दूसरी चीजों में 250 ग्राम मिर्च, 250 ग्राम धनिया, पांच लीटर केरोसिन, एक पैकेट मोमबत्ती, एक पैकेट माचिस, 10 पैकेट बिस्कुट, एक लीटर रिफाइंड तेल, क्लोरीन की सौ टेबलेट और नहाने का साबुन वितरित किया जा रहा है।

राहत सामग्री के तहत अब तक 1,55, 504 खाद्यान्न किट और 2,80,428 मीटर तिरपाल का वितरण किया जा चुका है। स्वास्थ्य विभाग की 327 टीमें इन इलाकों में लगातार काम कर रही हैं। आपदा से निपटने के लिए 373 बाढ़ शिविर तथा 784 बाढ़ चौकियां बनाई गई हैं। पशुओं के लिए 465 पशु शिविर बनाए गए हैं और 6,99,396 पशुओं का टीकाकरण कराया जा चुका है। मवेशियों के लिए अब तक 4591 क्विटंल भूसा और दूसरे चारे का प्रंबध किया गया है।

इस विभीषिका से निपटने के लिए जिला मुख्यालयों और राज्य स्तर पर आपदा नियंत्रण केंद्र की स्थापना की गई है। बाढ़ आपदा से संबंधित किसी आपातकालीन स्थिति में जिला आपदा नियंत्रण केंद्र या राज्य स्तरीय कंट्रोल हेल्पलाइन नंबर 1070 पर संपर्क किया जा सकता है। राज्य में कई नदियां उफान पर हैं और खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। लखीमपुर खीरी के पलिया कला में शारदा नदी,  श्रावस्ती में राप्ती बैराज पर राप्ती नदी, अयोध्या और तूर्तीपार, बलिया में सरयू नदी खतरे के जल स्तर से ऊपर बह रही हैं। मुख्यमंत्री ने आस-पास के गांवों में पानी भरने से पहले ही मुनादी कराकर लोगों को सुरक्षित स्थानों या बाढ़ शिविरों में पहुंचाने का निर्देश दिया है

अन्य खबरें