एकता गुप्ता हत्याकांड में कानपुर पुलिस सवालों में घिरी : गलत साबित हुए कानून-व्यवस्था के दावे, डीएम आवास में कैसे दबा दिया शव?

Google Photo | एकता गुप्ता



Kanpur News : कानपुर पुलिस दावा करती है कि उनकी कानून-व्यवस्था बेहद अच्छी है, लेकिन एकता गुप्ता हत्याकांड ने सभी व्यवस्था की झूठी पोल खोल दी है। कानपुर डीएम आवास परिसर में एकता गुप्ता की लाश गहरे गड्ढे में दफनाए जाने की सनसनीखेज घटना ने कानपुर को हिला कर रख दिया है। यह हत्याकांड शहर की सुरक्षा व्यवस्था और प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गहरे सवाल खड़े कर रहा है। लाश जिस जगह मिली है, वह सुरक्षा के लिहाज से बेहद संवेदनशील मानी जाती है। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि इतनी सुरक्षा के बीच किसी ने आठ फुट गहरा गड्ढा खोदकर शव को वहां कैसे दफना दिया। 

सुरक्षा में चूक, कैसे दफनाई गई लाश?
डीएम आवास के पास सख्त सुरक्षा व्यवस्था के बावजूद किसी अज्ञात ने आठ फुट गहरा गड्ढा खोदकर शव दफनाया। सवाल यह है कि इस जगह पर कैसे किसी को बिना रोक-टोक के गड्ढा खोदने और लाश दफनाने का मौका मिला। क्या किसी ने सुरक्षा कर्मचारियों से बचकर या उनकी जानकारी में इस कार्य को अंजाम दिया?

क्या मुख्य द्वार का किया गया दुरुपयोग?
डीएम आवास में प्रवेश केवल मुख्य द्वार से ही संभव है। ऐसे में यह सवाल उठता है कि क्या लाश को प्रवेश द्वार के जरिए अंदर लाया गया? और अगर ऐसा हुआ तो किसने इस गेट का इस्तेमाल किया?

सुरक्षा कर्मियों की भूमिका संदिग्ध?
डीएम आवास के आस-पास हमेशा सुरक्षा बल तैनात रहते हैं, फिर भी किसी ने गड्ढा खोदने का कार्य बिना किसी रोक-टोक के पूरा कर लिया। मौके पर तैनात सिपाहियों की भूमिका संदेहास्पद हो गई है। क्या यह किसी बड़ी साजिश का हिस्सा है, जिसमें अंदरूनी लोग भी शामिल हो सकते हैं?

गड्ढा खोदने और पेड़ लगाने पर सवाल
आठ फुट का गड्ढा खोदना आम बात नहीं है। खासकर उस जगह पर जहां हमेशा कर्मचारियों और सुरक्षाकर्मियों की आवाजाही होती रहती है। इसके बावजूद किसी ने लाश को दफनाने के बाद उस स्थान पर पेड़ लगा दिए, जिससे घटना का कोई सुराग न बचे। पुलिस की इस जानकारी ने घटना को और भी रहस्यमयी बना दिया है।

डीएम से जांच की मांग
परिवार के सदस्यों ने कानपुर के जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह से इस मामले में पूछताछ की मांग की है और छह महीने पुराने सीसीटीवी फुटेज की जांच की अपील की है। परिवार को आशंका है कि इस साजिश में किसी अंदरूनी व्यक्ति का हाथ हो सकता है। यदि जिलाधिकारी और प्रशासन द्वारा सही तरीके से सहयोग किया गया तो पुलिस इस हत्याकांड के असली अपराधियों तक पहुंच सकती है।

परिवार की सीबीआई जांच की मांग
पीड़ित परिवार ने इस मामले की निष्पक्ष और गहन जांच के लिए सीबीआई जांच की मांग की है। उनका कहना है कि मामले में पुलिस की भूमिका पर संदेह है। इसलिए सीबीआई जैसी निष्पक्ष एजेंसी से जांच करवाई जानी चाहिए।

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