यूपी में उपचुनाव : जानिए हर सीट का हाल, कहां से कौन था विधायक, जो बन गया सांसद

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Uttar Pradesh : साल 2027 में प्रस्तावित यूपी के विधानसभा चुनाव के लगभग सवा दो साल पहले होने वाले उपचुनाव में पश्चिम, सेंट्रल, अवध, पूर्वांचल सहित प्रदेश के लगभग हर क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाली सीटों पर वोटिंग होगी। जिन 9 सीट पर उपचुनाव होने हैं, वहां से कौन विधायक था, जो सांसद बन गया और सीट खाली हो गई। आईये जानते हैं यूपी के 9 विधानसभा सीटों के बारे में... 

गाजियाबाद सदर सीट  
गाजियाबाद की सदर विधानसभा सीट भाजपा के मजबूत किले के रूप में जानी जाती है। साल 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में अतुल गर्ग ने जीत दर्ज की थी। इसके बाद साल 2024 में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा ने गाजियाबाद के सांसद रहे पूर्व सेना प्रमुख सेवानिवृत्त जनरल वीके सिंह का टिकट काट दिया और यहां से विधायक रहे अतुल गर्ग को लोकसभा चुनाव मैदान में उतार दिया। अतुल गर्ग ने जीत दर्ज की और यहां की विधानसभा सीट खाली हो गई। 

मीरापुर विधानसभा सीट 
मुजफ्फरनगर की मीरापुर विधानसभा सीट पर 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय लोक दल के चंदन चौहान ने जीत दर्ज की थी। उस समय राष्ट्रीय लोकदल समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन कर चुनावी मैदान में उतरा था। साल 2024 में हुए लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय लोक दल ने एनडीए का दामन थामा। जयंत चौधरी ने चंदन चौहान को बिजनौर लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया और वहसं वह जीतने में कामयाब हुए। इसके बाद मीरापुर विधानसभा की सीट खाली हो गई।

फूलपुर विधानसभा सीट 
2022 में विधानसभा चुनाव में प्रयागराज की फूलपुर विधानसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार प्रवीण पटेल जीतकर विधायक बने थे। 2024 में हुए लोकसभा चुनाव में प्रवीण पटेल को फूलपुर लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में उतार दिया। यहां उनके जीत दर्ज करने के बाद विधानसभा सीट खाली हो गई। समाजवादी पार्टी ने यहां से मुस्तफा सिद्दीकी को उम्मीदवार घोषित कर दिया है। बाकी किसी दल ने अभी अपना उम्मीदवार मैदान में नहीं उतारा है। 

मझवां विधानसभा सीट 
मिर्जापुर की मझवां विधानसभा सीट 2022 के यूपी चुनाव में एनडीए में गठबंधन के तहत निषाद पार्टी के पाले में गई थी। निषाद पार्टी के मनोज कुमार बिंद ने जीत दर्ज की थी। 2024 में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा ने मनोज कुमार बिंद को भदोही से मैदान में उतारा और वह बाजी मारने में कामयाब रहे। इसके बाद मझवां विधानसभा सीट खाली हो गई और समाजवादी पार्टी ने पीडीए के तहत मझवां से ज्योति बिंद को चुनावी मैदान में उतार दिया है।

करहल विधानसभा सीट 
करहल विधानसभा सीट मैनपुरी जिले में है। यहां से अखिलेश यादव पहली बार यूपी चुनाव 2022 में जीत दर्ज कर विधायक बने थे। 2012 में मुख्यमंत्री बनने के दौरान अखिलेश यादव विधान परिषद सदस्य चुने गए थे। लोकसभा चुनाव 2024 में कन्नौज लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में उतरकर अखिलेश ने जीत दर्ज की। इसके बाद यह सीट खाली हो गई थी। समाजवादी पार्टी ने यहां से अखिलेश यादव के भतीजे तेज प्रताप सिंह यादव को चुनावी मैदान में उतारा है। बाकी किसी पार्टी ने यहां से अभी उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है। 

कुंदरकी विधानसभा सीट 
संभल की लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी ने 2024 के लोकसभा चुनाव में शफीकुर रहमान बर्क को उम्मीदवार बनाया था, लेकिन लोकसभा चुनाव से पहले उनका निधन हो गया। इसके बाद अखिलेश यादव ने यहां से उनके पोते और मुरादाबाद की कुंदरकी विधानसभा सीट से विधायक जियाउर रहमान बर्क को चुनाव मैदान में उतारा था। जियाउर रहमान संभल सीट से जीत दर्ज करने में कामयाब रहे। इसके बाद कुंदरकी विधानसभा सीट खाली हुई है। कुंदरकी विधानसभा सीट को समाजवादी पार्टी की एकतरफा जीत दर्ज करने वाली सीट के रूप में जाना जाता है। 

खैर विधानसभा सीट 
अलीगढ़ की खैर विधानसभा सीट को भाजपा का गढ़ माना जाता है। यहां से 2022 के विधानसभा चुनाव में अनूप बाल्मीकि ने भाजपा के टिकट पर जीत दर्ज की थी। 2024 के लोकसभा चुनाव में अनूप बाल्मीकि को हाथरस सीट से चुनाव मैदान में उतार दिया। उन्होंने वहां जीत दर्ज की और खैर विधानसभा सीट खाली हो गई। 

कटेहरी विधानसभा सीट 
कटेहरी विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी के लालजी वर्मा विधायक थे। 2024 के लोकसभा चुनाव में लालजी वर्मा को समाजवादी पार्टी ने अंबेडकरनगर लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में उतार दिया और वह चवहां से जीत गए। इसके बाद कटेहरी विधानसभा की सीट खाली हो गई। अंबेडकरनगर जिले की इस सीट पर निषाद पार्टी ने भी अपना दावा किया था। हालांकि यहां से भाजपा के उम्मीदवार उतारे जाने की भी चर्चा है। समाजवादी पार्टी ने यहां से शोभावती वर्मा को उम्मीदवार घोषित कर दिया है। 

सीसामऊ विधानसभा सीट 
कानपुर के सीसामऊ विधानसभा सीट पर 2022 के यूपी चुनाव में समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार इरफान सोलंकी ने जीत दर्ज की थी। इस जीत के दर्ज किए जाने के बाद से ही इरफान सोलंकी लगातार कानूनी पचड़ों में फंसे रहे। एक महिला का घर जलाने के मामले में इरफान सोलंकी को कोर्ट ने 7 साल की जेल की सजा सुनाई। सजा चुनाए जाने के बाद जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत उनकी विधानसभा सदस्यता चली गई और सीसामऊ विधानसभा सीट खाली हो गई। सपा ने उपचुनाव के लिए इस सीट पर इरफान सोलंकी की पत्नी नसीम सोलंकी को उम्मीदवार बना दिया है। 

मिल्कीपुर विधानसभा सीट 
मिल्कीपुर विधानसभा सीट से यूपी चुनाव 2022 में अवधेश प्रसाद विधायक चुने गए थे। 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में प्रभु रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अयोध्या की फैजाबाद लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी ने दलित नेता अवधेश प्रसाद को चुनावी मैदान में उतारा था। अयोध्या की फैजाबाद लोकसभा सीट से अवधेश प्रसाद ने जीत दर्ज की और समाजवादी पार्टी ने बड़ा उलटफेर किया। इससे भाजपा की हुई हार ने समाजवादी पार्टी को भाजपा पर हमला करने का मौका भी दे दिया। अवधेश प्रसाद के फैजाबाद सीट से सांसद बनने पर मिल्कीपुर विधानसभा सीट खाली हो गई। समाजवादी पार्टी ने विधानसभा उपचुनाव के लिए अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद को उम्मीदवार बनाया है। हालांकि मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए चुनाव आयोग की तरफ से अब तक कोई घोषणा नहीं की गई है।

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