UP/BREAKING: लखनऊ में सीएम ऑफिस के सामने 2 महिलाओं ने खुद को आग लगाई

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लखनऊ से सनसनीखेज खबर सामने आ रही है। यहां मुख्यमंत्री कार्यालय लोक भवन के सामने दो महिलाओं ने खुद पर मिट्टी का तेल छिड़ककर आग लगा ली। मुख्यमंत्री कार्यालय के बाहर तैनात सुरक्षाकर्मी इससे पहले कि कुछ समझ पाते दोनों महिलाएं आग की लपटों में बुरी तरह से घिर गईं। पुलिसकर्मियों ने किसी तरह आग बुझाई और दोनों को अस्पताल पहुंचाया है। इनमें से एक की हालत बहुत ज्यादा गंभीर बताई जा रही है। दोनों महिलाएं अमेठी की रहने वाली हैं। यह कदम क्यों उठाया है, इस बारे में प्रारंभिक रूप से बताया गया है कि जमीन से जुड़े मामले में सुनवाई नहीं होने के कारण यह कदम उठाया है। पुलिस और लखनऊ प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है।

मिली जानकारी के मुताबिक दो महिलाएं शुक्रवार की शाम अचानक लोक भवन के सामने पहुंची। उनके हाथ में मिट्टी का तेल था। कोई कुछ समझ पाता उससे पहले ही दोनों ने अपने ऊपर मिट्टी का तेल छिड़का और आग लगा ली। लोक भवन के बाहर तैनात पुलिसकर्मी आनन-फानन में इन दोनों की ओर दौड़े। किसी तरह आग बुझाई। एक महिला सुरक्षित है, जबकि दूसरी बुरी तरह जल गई है। उसे भी बचाने की पुलिस ने काफी कोशिश की। इस दौरान पुलिसकर्मी भी झुलस गए हैं। महिला को गंभीर हालत में केजीएमयू भेजा गया है। इस पूरे इंसिडेंट के बारे में अभी पुलिस और प्रशासन की ओर से कोई जानकारी उपलब्ध नहीं करवाई गई है।

मिली जानकारी के मुताबिक यह दोनों लोग लोक भवन के गेट नंबर 3 के सामने पहुंची और अपने ऊपर मिट्टी का तेल छिड़क लिया। इसके बाद खुद को माचिस से आग लगाई। दोनों बुरी तरह आग की लपटों में घिर गईं। यह देखते ही सुरक्षाकर्मी मौके पर दौड़े और इन्हें बचाने की कोशिश की। एक महिला को लगभग सुरक्षित बचा लिया गया है। दूसरी बुरी तरह जल गई है। उसे गंभीर हालत में अस्पताल भेजा गया है। सुरक्षित बची महिला को भी इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया है। इस पूरे प्रकरण के बारे में जानकारी मिलने के बाद लखनऊ के स्थानीय पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे हैं। पूरे मामले की छानबीन में पुलिस जुट गई है।

अभी जानकारी मिली है कि दोनों महिलाएं अमेठी से लखनऊ पहुंची थीं। इनका जमीन से जुड़ा कोई विवाद है, जो लंबे समय से लंबित पड़ा हुआ है। सुरक्षित बच्ची महिला ने पुलिस कर्मियों को बताया है कि इस बारे में अमेठी जिला प्रशासन और पुलिस से बार-बार समाधान की गुहार लगा रही हैं, लेकिन उनकी बात नहीं सुनी जा रही है। पुलिस और राजस्व विभाग के कर्मचारी उनके खिलाफ वाली पार्टी के दबाव में काम कर रहे हैं। जब उन्हें अमेठी में न्याय नहीं मिला तो मजबूर होकर उन्होंने लखनऊ में मुख्यमंत्री कार्यालय के सामने यह कदम उठाया है।

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