EXCLUSIVE: जेवर एयरपोर्ट के चारों ओर 50 किमी के दायरे में अपार संभावनाएं, योगी ने पीएम से कहा- सरकार बड़ी योजना पर कर रही है काम

Tricity Today | PM MODI VIDEO CONFERENCING WITH YOGI ADITYANATH



बुधवर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मीटिंग हुई। इस मीटिंग में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री को उत्तर प्रदेश में कोविड-19 संक्रमण के खिलाफ चल रही लड़ाई के बारे में विस्तार से जानकारी दी है। दूसरी ओर मुख्यमंत्री ने राज्य में वापस लौटे 35 लाख श्रमिकों को रोजगार देने की योजना के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी। सीएम ने बताया कि गौतमबुद्ध नगर में प्रस्तावित जेवर एयरपोर्ट के चारों निवेश की असीम संभावनाएं हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा, भारत सरकार के सहयोग से राज्य में चिकित्सा इन्फ्रास्ट्रक्चर को सुदृढ करने में बहुत मदद मिली है। अब तक राज्य में कोविड की जांच के लिए 5 लाख से अधिक टेस्ट हो चुके हैं। प्रतिदिन लगभग 18,000 टेस्ट किए जा रहे हैं। 20 जून तक इसे बढ़ाकर 20,000 किए जाने का लक्ष्य है। 

योगी आदित्यनाथ ने कहा, इस समय प्रदेश में 503 कोविड अस्पताल क्रियाशील हैं, इनमें कुल 1,01,236 बेड उपलब्ध हैं। दिल्ली एवं उससे सटे जनपदों में निरन्तर आवागमन होता रहता है।इसके दृष्टिगत कोविड-19 के संदिग्ध तथा लक्षणरहित संक्रमित व्यक्तियों की स्क्रीनिंग की व्यवस्था होनी चाहिए। जिससे संक्रमण पर प्रभावी नियंत्रण लगाया जा सके।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बुधवार को हुई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि दिल्ली एवं उससे सटे जनपदों के लिए एक समग्र नीति बनाई जाए। सीएम ने कहा है कि कोविड से संक्रमित लक्षण रहित मामलों को होम क्वारंटीन में रखने पर जरूरी अनुशासन का पालन संभव नहीं हो पाता। संक्रमित व्यक्ति परिजनों के लिए जोखिम है। साथ ही परिवार के संपर्क में आए अन्य लोगों के माध्यम से इन्फेक्शन के प्रसार की आशंका बनी रहती है।

सीएम ने प्रधानमंत्री से कोविड संक्रमण की चेन तोड़ने व इसके प्रसार पर नियंत्रण के लिए लक्षण रहित कोविड पॉजिटिव मरीजों को कोविड अस्पतालों में रखे जाने की अनुमति देने का अनुरोध किया है। सीएम ने कहा, लेवल-1 अस्पतालों में ऑक्सीजन तथा लेवल-2 अस्पतालों में ऑक्सीजन के साथ ही वेंटिलेटर की उपलब्धता भी है। राज्य में लेवल-3 के डेडीकेटेड अस्पतालों की संख्या 25 है। इन अस्पतालों में गम्भीर रोगों से ग्रसित मरीजों के कोरोना संक्रमित होने पर उपचार किया जाता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मेडिकल इंफेक्शन से बचाव के सभी प्रबन्ध सुनिश्चित करते हुए इमरजेंसी सेवाओं के साथ ही आवश्यक ऑपरेशन की सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। यह सुविधा प्रदेश के सभी जनपदों में उपलब्ध कराई जा रही है। अब तक 12,051 चिकित्सक, 12,983 स्टाफ नर्स, 43,140 पैरामेडिकल स्टाफ, 19,288 एएनएम तथा 1,45,101 आशा वर्कर्स का प्रशिक्षण कराया गया है, जो कोरोना वाॅरियर्स के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री को बताया कि यूपी के सभी जनपदों के नाॅन कोविड चिकित्सालयों तथा मेडिकल काॅलेजों में ट्रूनेट मशीनें लगाई गई हैं। इन मशीनों की सहायता से एक घंटे में कोविड-19 की जांच की जा सकती है। इसके अलावा युद्धस्तर पर मानव संसाधन के प्रशिक्षण की कार्यवाही भी संचालित की जा रही है। सीएम ने कहा है कि राज्य में कम्युनिटी सर्विलांस व्यवस्था को सुदृढ़ किया गया है। 01 लाख 21 हजार 746 टीम 92.1 लाख घरों का भ्रमण करके 4.70 करोड़ लोगों की स्क्रीनिंग करने के साथ ही कोविड-19 के प्रति जागरूकता का प्रसार किया गया है।

सीएम ने कहा, राज्य में क्वारंटीन सेंटरों की क्षमता लगभग 15 लाख है। क्वारंटीन सेंटर में पूल टेस्ट तथा व्यक्तिगत टेस्ट द्वारा संक्रमित पाए गये लोगों को डेडीकेटेड कोविड अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। प्रदेश में लगभग 35 लाख श्रमिक और कामगार वापस आए हैं। इनकी स्क्रीनिंग कर उन्हें राशन किट उपलब्ध कराते हुए होम क्वारंटीन के लिए घर भेजा गया। होम क्वारंटीन में इनकी निगरानी के लिए 70,000 निगरानी समितियों का गठन किया गया, जो निरन्तर अपनी रिपोर्ट देती हैं।

मुख्यमंत्री ने श्रमिक स्पेशल रेलगाड़ियों की व्यवस्था के लिए प्रधानमंत्री और केन्द्रीय रेल मंत्री का आभार प्रकट करते हुए कहा है कि अभी तक राज्य में 1650 से अधिक श्रमिक स्पेशल रेलगाड़ियां आईं हैं। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को अवगत कराया है कि वापस लौटे कामगारों और श्रमिकों की 80 ट्रेंड्स में स्किल मैपिंग भी की गई है। इसके लिए एक पोर्टल तैयार किया गया। होम क्वारंटीन से बाहर आने वाले श्रमिकों को उनकी क्षमतानुरूप कार्य उपलब्ध कराया जा रहा है। प्रधानमंत्री को अवगत कराया है कि राज्य में कामगारों और श्रमिकों के लिए ‘उत्तर प्रदेश कामगार और श्रमिक (सेवायोजन एवं रोजगार) आयोग’ का गठन किया गया है। इस आयोग ने कार्य करना भी प्रारम्भ कर दिया है।

इसके अलावा लगभग 35 लाख श्रमिकों और कामगारों को सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम तथा अन्य बड़े उद्योगों से जोड़ा गया है। यूपी सरकार ने 34 लाख कामगारों और श्रमिकों को एक-एक हजार रुपये का भरण-पोषण भत्ता उपलब्ध कराया है। सीएम ने कहा, अनलाॅक की कार्यवाही प्रारंभ होने के पश्चात अब तक उत्तर प्रदेश में रह रहे और वापस लौटे श्रमिकों को सम्मिलित करते हुए 95 लाख श्रमिकों को रोजगार, नौकरी और स्वरोजगार से जोड़ने में सफलता मिली है। कृषि और उससे जुड़े क्षेत्रों में यह संख्या लगभग 60 लाख है।

सीएम ने बताया कि प्रधानमंत्री आर्थिक पैकेज के तहत लोगों को लाभान्वित किया जा रहा है। पहले चरण में 57,000 MSME उद्यमियों को ऋण की सुविधा दिलाई गई है। स्टेट लेवल बैंकर्स कमेटी के साथ बैठक संपन्न हो चुकी है।1,10,000 उद्यमियों को ऋण उपलब्ध कराने की कार्यवाही प्रगति पर है। 18 करोड़ लोगों को 05 बार निःशुल्क खाद्यान्न वितरित किया जा चुका है। आगामी 20 जून, 2020 से छठवीं बार निःशुल्क खाद्यान्न वितरण प्रारंभ होने जा रहा है।

योगी आदित्यनाथ ने कहा, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत राज्य सरकार द्वारा 10.68 लाख दिव्यांगजन को, 49.87 लाख वृद्धावस्था पेंशन धारकों को, 26.06 लाख निराश्रित महिला पेंशन धारकों को घोषित सुविधा का लाभ उपलब्ध कराया जा चुका है। योगी ने कहा कि प्रदेश के पुलिस एवं पीएसी कर्मियों, होमगार्ड, जेल कर्मियों इत्यादि को हर हाल में कोरोना के संक्रमण से सुरक्षित रखने के लिए इन सभी को कोरोना के सम्बन्ध में समस्त आवश्यक जानकारी तथा प्रशिक्षण दिया जाए। इसके अलावा उन्हें इन्फ्रारेड थर्मामीटर, पल्स आॅक्सीमीटर इत्यादि के उपयोग के सम्बन्ध में भी प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए। सभी थानों, पुलिस चैकियों, जेलों, पुलिस वाहिनियों तथा पुलिस के अन्य कार्यालयों में कोरोना केन्द्र स्थापित किए जाएं।

सीएम योगी ने बताया कि कोरोना केन्द्रों पर पुलिस फोर्स के लोगों को कोरोना के लक्षणों के संबंध में आवश्यक जानकारी दी जाए। पुलिस लाइन, थानों, जेलों, पीएसी वाहिनियों के कर्मियों को इस प्रशिक्षण से जोड़ने की कार्यवाही हो। मास्टर ट्रेनर के माध्यम से इन्हें प्रशिक्षण दिया जाए। जिन पुलिस कर्मियों की कोरोना संक्रमण से ग्रसित क्षेत्रों में ड्यूटी लगी है, उन्हें संक्रमण से बचने के उपाय बताए जाएं। उन्होंने कहा कि कोरोना के एसिम्प्टोमैटिक मामले बढ़ रहे हैं। इस सम्बन्ध में भी इन सभी को जानकारी दी जाए। मुख्यमंत्री ने कहा है कि सभी पुलिस कर्मियों, होमगार्ड्स, जेलकर्मियों इत्यादि को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के साथ-साथ उन्हें मास्क लगाने के विषय में जागरूक करें। इन कर्मियों को मास्क और ग्लव्स उपलब्ध कराए जाएं।

मुख्यमंत्री ने कहा है कि सभी कोरोना केन्द्रों पर सैनिटाइजर की व्यवस्था की जाए। कोरोना केन्द्रों पर पोस्टर के माध्यम से कोरोना संक्रमण के संबंध में जानकारी प्रदर्शित की जाए। उन्होंने कोरोना संक्रमण के सम्बन्ध में जेल स्टाफ को सतर्क रहने के लिए भी कहा है। सीएम के समक्ष राज्य में वस्त्र उद्योग क्षेत्र में रोजगार सृजन के लिए उत्तर प्रदेश को गार्मेंटिंग हब बनाने जाने के संबंध में रोडमैप का प्रस्तुतीकरण किया गया।

इस अवसर पर उन्होंने कहा कि प्रदेश में टेक्सटाइल क्षेत्र में रोजगार की व्यापक संभावनाएं मौजूद हैं। सीएम ने कहा कि राज्य में वस्त्रोद्योग को बढ़ावा देना होगा ताकि अधिक से अधिक रोजगार के अवसर सृजित हो सकें।

सीएम ने कहा कि राज्य में एयर और रोड कनेक्टिविटी लगातार बेहतर होती जा रही है। इससे वस्त्रोद्योग को काफी लाभ होगा। कोविड-19 के कारण उत्पन्न परिस्थितियों के चलते जो कामगार और श्रमिक प्रदेश वापस लौटे, उनमें बड़ी संख्या में टेलरिंग एक्सपर्ट भी हैं। सरकार इन्हें रोजगार उपलब्ध कराने के लिए कटिबद्ध है। इनमें से लगभग 3000 इकाइयां गौतमबुद्ध नगर और शेष 1500 इकाइयां गाजियाबाद, कानपुर, लखनऊ तथा बरेली में स्थित हैं। इनसे लगभग ₹22,000 करोड़ का प्रतिवर्ष निर्यात होता है। अपर मुख्य सचिव हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग रमा रमण ने प्रस्तुतीकरण करते हुए मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि वर्तमान में प्रदेश में गार्मेन्टिंग की लगभग साढ़े चार हजार औद्योगिक इकाइयां हैं।

रमा रमण ने सीएम को बताया कि इसके अलावा, लखनऊ, कानपुर, गोरखपुर, वाराणसी तथा झांसी मण्डलों में भी ऐसे पार्कों की स्थापना की जा सकती है। जनपद गौतमबुद्ध नगर के जेवर एयरपोर्ट के 50 किमी की परिधि में तथा उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस वे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी द्वारा निर्मित किए जा रहे एक्सप्रेस-वे के किनारे प्रदेश के अन्य स्थानों पर कम से कम 05 अपैरल और गार्मेन्टिंग पार्कों की स्थापना के प्रयास किए जा रहे हैं। पार्कों की स्थापना के प्रयास किए जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि वस्त्र उद्योग के क्षेत्र में अगले 5 वर्षों में ₹20,000 करोड़ के निवेश से 20 लाख रोजगार सृजन की सम्भावना है।

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