गाजियाबाद-दिल्ली बॉर्डर सील के बाद पास बनवाने के लिए लगी भीड़, 9198 आवेदन निरस्त, 1670 को जारी किए पास

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कोरोना वायरस से बचाव को लेकर गाजियाबाद-दिल्ली बॉर्डर सील किए जाने के बाद वाहनों के पास बनवाने के लिए अपर जिलाधिकारी भूमि-अध्याप्ति मदन सिंह गब्र्याल के कार्यालय के बाहर सैकड़ो लोगों की भीड़ जुट रही है। बुधवार को लॉकडाउन के 30 दिन हो जाने के बाद 4 अप्रैल से अब तक 12346 आवेदन वाहनों के पास बनवाने के लिए लोगों ने जमा कराए। मगर इनमें से 1670 आवेदकों को ही पास जारी किए गए। सिर्फ अब ऑनलाइन ही ई-पास बनाए जा रहे है। 

एडीएम भूमि-अध्याप्ति मदन सिंह गब्र्याल ने बताया कि ऑफिस के बाहर लोगों की भीड़ जुट रही है। सोशल डिस्टेंस का पालन कराते हुए आवश्यक वस्तुओं के लिए ही पास जारी किए जा रहे हैं। अधिकांश महिला, पुरूष अपने आवेदन जमा करा रहे हैं। लेकिन आवश्यक सामग्री वितरित करने और मृत्यु एवं मेडिकल संबंधी कार्यों के लिए ही पास जारी किए जा रहे हैं। ऐसे में लोग आवश्यक सामग्री से लेकर अन्य कार्यों के संबंध में भी पास बनवाने के लिए लाइन में रोजाना लग रहे है। 

एडीएम एलए मदन सिंह गब्र्याल ने बताया कि लॉकडाउन लागू हो जाने के बाद 4 अपै्रल से अब तक जिले में कुल आवेदन 12346 प्राप्त हुए। इनमें से 1670 को पास जारी किए गए। बाकी 478 ऑनलाइन पास जारी होने हैं। 9198 आवेदनों को निरस्त किया गया। 12346 आवेदन वाहनों के पास बनवाने के लिए जमा कराई जा चुकी है। मगर इनमें से गलत आवेदन होने के चलते 9198 आवेदनों को रद्द किया गया है। 

वाहनों के पास के लिए आने वाले आवेदन का कंप्यूटराईज्ड दर्ज की जा रही है। मैन्युअल एप्लीकेशन पर जरूरी होने पर ही वाहनों के पास जारी किए जाएंगे। बुधवार को एडीएम एलए मदन सिंह गब्र्याल ने कार्यालय के बाहर जमा भीड़ के चलते खुद ही लोगों को समझाकर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के निर्देश दिए। बताया कि अब सिर्फ ऑनलाइन ई-पास ही जारी किए जा रहे हैं।

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