Google Image | वायु प्रदूषण
गाजियाबाद में हवा की गुणवत्ता मंगलवार को नौ दिनों के बाद फिर "गंभीर" श्रेणी तक बिगड़ गई। जबकि नोएडा, ग्रेटर नोएडा और फरीदाबाद में "बहुत खराब" और गुड़गांव में "खराब" बनी रही। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Central Pollution Control Board) द्वारा बनाए गए वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (Delhi NCR) के शहरों में प्रदूषक पीएम 2.5 और पीएम 10 की उपस्थिति अधिक है।
मानकों के मुताबिक शून्य और 50 के बीच AQI को 'अच्छा', 51 और 100 तक 'संतोषजनक', 101 और 200 में 'मध्यम', 201 और 300 के बीच 'खराब', 301 और 400 'बहुत खराब' और 401 और 500 के बीच 'गंभीर' माना जाता है। CPCB के समीर ऐप के अनुसार 24 घंटे की AQI मंगलवार की शाम 4:00 बजे गाजियाबाद में 428, नोएडा में 396, ग्रेटर नोएडा में 382, फरीदाबाद में 360 और गुड़गांव में 296 रहा है।
सोमवार को गाजियाबाद में यह 365, नोएडा में 301, ग्रेटर नोएडा में 286, गुड़गांव में 285 और फरीदाबाद में 272 था। रविवार को यह गाजियाबाद में 288, नोएडा में 273, ग्रेटर नोएडा में 270 और गुड़गांव में 242 था। गाजियाबाद की औसत AQI पिछली बार दिवाली के एक दिन बाद 15 नवंबर को "गंभीर" श्रेणी में आ गई थी। जब अन्य जिलों में हवा भी समान स्तर पर पहुंच गई थी।
CPCB बताता है कि लंबे समय तक "खराब" श्रेणी में AQI रहने से ज्यादातर लोगों को सांस लेने में तकलीफ होती है। हवा लंबे समय तक "बहुत खराब" रहने पर श्वसन संबंधी बीमारी का कारण बन सकती है और "गंभीर" स्वस्थ लोगों को प्रभावित कर सकती है। मौजूदा बीमारियों से पीड़ित लोग गंभीर रूप से प्रभावित हो सकते हैं। प्रत्येक शहर के लिए यह AQI वहां के सभी स्टेशनों के औसत परिणाम पर आधारित है। ऐप के अनुसार, नोएडा, फरीदाबाद, गाजियाबाद में चार स्टेशन हैं। जबकि गुड़गांव में तीन और ग्रेटर नोएडा में दो हैं।
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