Tricity Today | प्रतीकात्मक फोटो
कोविड-19 के लेवल-2 और 3 के अस्पतालों में मरीजों को मोबाइल ले जाने पर पाबंदी लगा दी गई है। शासन की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि मोबाइल से संक्रमण फैलता है। इसलिए मोबाइल ले जाने पर पांबदी लगाई जा रही है। अगर कोई व्यक्ति इस आदेश की अवहेलना करेगा तो उसके खिलाफ महामारी अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी। इसे भी लोक डाउन का उल्लंघन घोषित कर दिया गया है।
कोरोना पॉजिटिव के लक्षण नहीं दिखने वाले मरीजों को वार्ड में 14 दिन काटना भारी पड़ता है। ऐसे में उनके लिए मोबाइल एक सहारा होता है। अस्पतालों में मरीजों का व्हाट्सएप ग्रुप बनाया हुआ है। उसके जरिये वह तुरंत अपनी समस्या बताते हैं और उसका समाधान हो जाता है। लेकिन अब उत्तर प्रदेश के महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण की ओर से आदेश जारी किया गया है। आदेश में कहा गया है कि कोरोना के लेवल-2 और 3 में मरीजों को मोबाइल ले जाने पर पाबंदी रहेगी। बताया गया है कि मोबाइल से संक्रमण फैलता है, इसलिए यह फैसला लिया गया है।
महानिदेशक की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि मरीजों को उनके परिजनों से बातचीत करवाने के लिए वार्ड में दो मोबाइल रखे जाएं। ये नंबर मरीजों के परिजनों को भी दिए जाएं। ताकि वह बातचीत कर सकें। ये फोन वार्ड इंचार्ज के पास रहेंगे। इससे मरीजों को वार्ता करने में किसी तरह की दिक्कत नहीं आएगी। यह इंतजाम इस तरह से किए जाएं ताकि जरूरत पड़ने पर मरीज और उनके परिजन आपस में वार्ता कर सकें।
अभी तक कोरोनावायरस से संक्रमित या संदिग्ध मरीजों को आइसोलेशन वार्ड क्वॉरेंटाइन सेंटर में मोबाइल ले जाने की अनुमति थी। एकांत में रहने के कारण लोगों को बड़ी परेशानी होती है। ऐसे में मोबाइल उनके लिए समय काटने, मनोरंजन करने और देश-विदेश की खबरें से वाकिफ रहने का सबसे बड़ा जरिया है। अब जब स्वास्थ विभाग के मुखिया ने इस पर पाबंदी लगा दी है तो कोरोनावायरस से संक्रमित और संदिग्ध लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
दूसरी ओर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ने कहा, सभी कोविड-19 अस्पतालों को आदेश दिया है कि वह मरीजों के मनोरंजन के लिए दूसरे इंतजाम करें। मसलन, आइसोलेशन वार्ड में अखबार मुहैया करवाए जा रहे हैं। एफएम रेडियो चलाई जाए। टीवी चलाया जा सकता है। मैगजीन और न्यूज़ चैनलों का प्रसारण किया जा सकता है। उत्तर प्रदेश के कई अस्पतालों में मरीज तमाम सकारात्मक काम कर रहे हैं। यह लोग मिलकर लूडो खेलते हैं। अंताक्षरी का आयोजन करते हैं। डांस और योगा क्लासेज का आयोजन किया जा रहा है। इससे रोगी का मनोबल बढ़ता है। वह मानसिक रूप से मजबूत होता है और गुणों का एक दूसरे में आदान-प्रदान होता है।
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