आईएएस रानी नागर के उत्पीड़न का मामला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक पहुंचा

Tricity Today | PM Narendra Modi IAS Rani Nagar



हरियाणा कैडर की आईएएस रानी नागर के उत्पीड़न का मामला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक पहुंच गया है। उन्हें परेशान करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर एक सामाजिक संगठन ने पीएम को पत्र लिखा है। पूरे मामले में जांच और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है।

करप्शन फ्री इंडिया संगठन के जिलाध्यक्ष दिनेश नागर ने बुधवार को पीएम से इस मामले की शिकायत पत्र के माध्यम से उनके शिकायत पोर्टल पर की है। जिलाध्यक्ष ने बताया कि जिले के बादलपुर गांव की निवासी रानी नागर ने कुछ दिन पहले फेसबुक पोस्ट के माध्यम से अपनी और अपनी बहन की जान को खतरा बताते हुए नौकरी से इस्तीफा देने की बात कही थी। 

रानी नागर ने हरियाणा के एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी पर उत्पीड़न के आरोप लगाए थे। उन्होंने बताया कि बुधवार को उनके संगठन ने इस प्रकरण की शिकायत प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) पोर्टल पर की। उन्होंने कहा कि एक तरफ जहां भारत सरकार "बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ" अभियान पर जोर दे रही है। वही, बेटियों के साथ देश में ऐसी वारदातें हो रही हैं, जो काफी गंभीर मामला है।

आपको बता दें कि गौतम बुद्ध नगर के बादलपुर जिले की मूल निवासी और हरियाणा कैडर की आईएएस अधिकारी रानी नागर ने पिछले सप्ताह फेसबुक पोस्ट के जरिए अपनी परेशानी लिखी थी। उन्होंने लिखा था कि वे लॉकडाउन के बाद त्यागपत्र दे देंगे। जिसके बाद बहुजन समाज पार्टी की मुखिया और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने उनके पक्ष में ट्वीट किए थे। पूर्व मुख्यमंत्री ने हरियाणा के चीफ मिनिस्टर मनोहर लाल खट्टर से मांग की थी कि पूरे मामले में जांच की जाए और रानी नागर को परेशान करने वाले राज्य के सीनियर आईएएस अधिकारी पर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।

इसके बाद भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सांसद सुरेंद्र सिंह नागर ने सोमवार को मनोहर लाल खट्टर से फोन पर बात की थी। मनोहर लाल खट्टर ने सुरेंद्र सिंह नगर से कहा था कि रानी नागर इस्तीफा नहीं देंगी। वह अगर इस्तीफा देंगी तो राज्य सरकार उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं करेगी। रानी नागर के प्रकरण में सरकार की तरफ से उचित कदम उठाया जाएगा।

आपको बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री मायावती भी रानी नागर के पैतृक गांव बादलपुर की ही निवासी हैं। अब इस पूरे मामले को लेकर दिल्ली-एनसीआर के सामाजिक संगठन भी रानी नागर के पक्ष में खड़े हो गए हैं।

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