Tricity Today | अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण शुरू
राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास ने मंगलवार को अयोध्या में मक्षिफ्ट मंदिर में राम लला को श्रद्धांजलि अर्पित की और राम मंदिर के निर्माण की विधिवत घोषणा की है। निर्माण शुरू होने से पहले राम जन्मभूमि न्यास के प्रमुख महंत नृत्य गोपाल दास ने आज सुबह पूजा की। इसके साथ ही नृत्य गोपाल दास ने अपनी 27 वर्ष पुरानी शपथ तोड़ दी है।
27 वर्षों के बाद 25 मार्च 2020 को भगवान राम लला को अयोध्या में बने मंदिर से बाहर ले जाया गया और मूर्ति को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में मानस भवन में एक पालकी में स्थानांतरित कर दिया गया। मक्षशिफ्ट मंदिर संरचना फाइबर से बना है और बुलेटप्रूफ है।
एक सदी पुराने विवाद को समाप्त करते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने 9 नवंबर 2019 को अयोध्या में विवादित स्थल पर राम मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त कर दिया था। अपने फैसले की घोषणा करते हुए मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली 5 न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने कहा था, "भगवान राम का ध्वस्त ढांचे में जन्म लेने वाले हिंदुओं का विश्वास निर्विवाद है।"
जस्टिस एसए बोबडे, अशोक भूषण, डीवाई चंद्रचूड़ और एस अब्दुल नजीर की संविधान बेंच ने केंद्र को मस्जिद के निर्माण के लिए सुन्नी वक्फ बोर्ड को वैकल्पिक 5 एकड़ का भूखंड आवंटित करने को कहा था। शीर्ष अदालत ने सर्वसम्मति से 5-0 के फैसले में कहा था कि विवादित 2.77 एकड़ भूमि का अधिकार देवता 'राम लला' को सौंप दिया जाएगा। इस बीच अयोध्या में एक भव्य मंदिर के निर्माण के लिए भारी मात्रा में दान दिया गया है। राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा, "हमें विश्वास है कि मंदिर के लिए पैसे की कोई कमी नहीं होगी। लोग परियोजना के लिए बड़ी रकम दान कर रहे हैं और हम यह सुनिश्चित करेंगे कि मंदिर का निर्माण भव्यता में बेजोड़ है।”
क्या थी महंत नृत्य गोपाल दास की शपथ
अयोध्या में जब बाबरी मस्जिद का विध्वंस किया गया था तो भगवान राम लला की मूर्ति को मंदिर से हटाकर टेंट में रख दिया गया था। इस दौरान वहां जाने वाले लोगों को भगवान राम लला के टेंट में ही दर्शन करने पड़ते थे। इस पर महंत नृत्य गोपाल दास ने शपथ ली थी कि जब तक भगवान राम लला अपने मंदिर में नहीं पहुंच जाएंगे, तब तक मैं उनके दर्शन करने नहीं जाऊंगा। दरअसल, महंत नृत्य गोपाल दास भगवान राम के दर्शन टेंट में करना नहीं चाहते थे। अब जब भगवान राम के मंदिर निर्माण का रास्ता प्रशस्त हो गया है तो मूर्ति को टेंट से मक्षशिफ्ट मंदिर में लाया गया है। महंत नृत्य गोपाल दास ने भगवान राम के दर्शन मक्षशिफ्ट मंदिर में ही किए हैं।
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