Delhi-Meerut RRTS Corridor: प्रोजेक्ट से जुड़ी बड़ी खबर, 50 करोड़ डॉलर देगा एशियन डेवलपमेंट बैंक

Tricity Today | Delhi-Meerut RRTS Corridor



Delhi-NCR और Western Uttar Pradesh के बीच यातायात को सुगम बनाने के लिए केंद्र सरकार एक महत्वकांक्षी परियोजना पर काम कर रही है। केंद्र सरकार ने मंगलवार को Delhi-Meerut Regional Rapid Transit System (आरआरटीएस) के वित्तपोषण के लिये Asian Development Bank (एडीबी) के साथ 50 करोड़ डालर के ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किये हैं। बहुपक्षीय वित्तपोषण एजेंसी ने मंगलवार को यह जानकारी दी है।

एडीबी की ओर से जारी की गई एक विज्ञप्ति में कहा गया है, ''एशियाई विकास बैंक और भारत सरकार ने आज 50 करोड़ डालर के ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किये हैं। यह एडीबी की ओर से दी जाने वाली एक अरब डालर की ऋण सुविधा की पहली किस्त है। यह कर्ज भारत के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में संपर्क और आवागमन की सुविधा को बेहतर बनाने के लिये है। इसके तहत दिल्ली-मेरठ के बीच 82 किलोमीटर की तीव्र गति का आधुनिक क्षेत्रीय त्वरित परिवहन प्रणाली (आरआरटीएस) गलियारा बनाया जायेगा।

दिल्ली और पश्चिम उत्तर प्रदेश के बीच तेज रफ्तार यातायात होगा

दिल्ली- मेरठ आरआरटीएस निवेश परियोजना के ऋण समझौते पर आर्थिक मामले विभाग में अतिरिक्त सचिव समीर कुमार खरे और एडीबी के भारत निवास मिशन के निदेशक केनीची योकोयामा ने हस्ताक्षर किये। कर्ज की यह पहली किस्त दिल्ली से उसके पड़ोसी राज्यों के बीच बनने वाले तीन प्राथमिक रेल गलियारों में से पहले गलियारे के लिये उपलब्ध कराई गई है। यह योजना एनसीआर क्षेत्रीय योजना-2021 के तहत बनाई गई है। 

दिल्ली और मेरठ के बीच 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेगी रेल

खरे ने समझाते पर हस्ताक्षर करने के बाद कहा, ''इस परियोजना से दिल्ली-एनसीआर के दूसरे शहरों को भी आर्थिक गतिविधियों के केन्द्र के रूप में विकसित होने और बेहतर संपर्क सुविधा उपलब्ध होगी। दूसरी तरफ इससे दिल्ली पर लगातार केन्द्रित दबाव में भी कमी आयेगी। गलियारे को तीव्र गति परिवहन के मुताबिक 180 कीलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार क्षमता वाला बनाया जायेगा। जिसमें 5 से 10 मिनट में रेल उपलब्ध होगी। यह गलियारा दिल्ली के सराय काले खां से लेकर उत्तर प्रदेश के मेरठ स्थित मोदीपुरम तक बनाया जायेगा। इससे यात्रा का समय मौजूदा तीन-चार घंटे से कम होकर एक घंटा रह जायेगा।

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