पराली जलाने वाले किसानों पर दंडनीय कार्रवाई की तैयारी कर रहा गाजियाबाद जिला प्रशासन

Google Image | प्रतीकात्मक फोटो



गाजियाबाद जिले में सर्दी शुरू होने से पहले होने वाले प्रदूषण को लेकर सरकारी तंत्र ने योजना तैयार कर ली है। पराली व फसल के अपशिष्ट जलाने वालों से सरकारी तंत्र सख्ती से निपटेगा। इनके खिलाफ जुर्माना समेत अन्य दंडनीय कार्रवाई होगी। पराली व अन्य फसल अपशिष्ट जलाने से रोकने के लिए जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय ने तहसील व जिला स्तर पर कमेटियों व सचल दस्तों का गठन किया है। 

इसके तहत तहसील स्तर पर ग्राम प्रधानों व लेखपालों का एक वाट्सएप ग्रुप तैयार किया जाएगा। यदि कहीं पराली जलाई जाती है तो सीधे तौर पर संबंधित लेखपाल को इसके लिए जिम्मेदार माना जाएगा। उन्होने बताया पराली व अन्य फसल अपशिष्ट के जलने से प्रदूषण के स्तर में वृद्धि होती है। 

प्रदूषण पर काबू पाने के लिए और पराली जलाने से रोकने के लिए तहसील स्तर पर सचल दस्ते व समितियों का गठन किया गया है। ये समितियां गांवों में पराली जलाने से रोकने के लिए किसानों को जागरूक करेंगी। 

जिलाधिकारी ने बताया कि लोनी में एसडीएम की अध्यक्षता में सहायक विकास अधिकारी कृषि, तहसील सदर में एसडीएम सदर व सहायक विकास अधिकारी कृषि, मोदीनगर तहसील में एसडीएम मोदीनगर व सहायक विकास अधिकारी कृषि के नेतृत्व में सचल दस्ते व समिति का गठन किया गया है। 

इस समिति में एडीएम वित्त एवं राजस्व, एसपी ग्रामीण, उप कृषि निदेशक, जिला कृषि अधिकारी, जिला पंचायत राज अधिकारी, क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी को सदस्य बनाया गया है। ग्राम प्रधान व लेखपाल की जिम्मेदारी होगी कि वह गांवों का भ्रमण कर किसानों को पराली जलाने से रोकने के लिए जागरूक करेंगे और निगाह रखेंगे कि किसी खेत में पराली या अन्य फसल के अपशिष्ट तो नहीं जलाए जा रहे। यदि कहीं अपशिष्ट जलते पाए जाते हैं तो वह इस संबंध में तत्काल सचल दस्ते व समिति को सूचना देंगे।  

अन्य खबरें