Google Image | गैंगस्टर विकास दुबे
गैंगस्टर विकास दुबे के एनकाउंटर की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने न्यायिक आयोग के गठन को मंजूरी दे दी है। आयोग के अध्यक्ष सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश बीएस चौहान होंगे। आयोग में उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी केएल गुप्ता भी शामिल होंगे। आयोग 2 महीने में अपनी रिपोर्ट सौंपेगा। जांच आयोग इसकी भी जांच करेगा कि 64 आपराधिक केस लंबित रहने के बावजूद विकास दुबे कैसे ज़मानत या पैरोल पर बाहर आ गया था।
कानपुर का दुर्दांत अपराधी विकास दुबे एसटीएफ के साथ मुठभेड़ में मारा गया था। अब इस एनकाउंटर की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने न्यायिक आयोग का गठन कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश बीएस चौहान की अध्यक्षता में गठित न्यायिक आयोग में उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी केएल गुप्ता भी शामिल रहेंगे। यह आयोग 2 महीने में जांच पूरी करके रिपोर्ट सौंपेगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि आयोग उत्तर प्रदेश सरकार और सुप्रीम कोर्ट में यह रिपोर्ट जमा करेगा। रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्यवाही पर फैसला लिया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट में उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पेश एसजी तुषार मेहता ने कहा कि जांच आयोग इस की जांच करेगा कि 64 आपराधिक केस लंबित रहने के बावजूद विकास दुबे कैसे ज़मानत या पैरोल पर बाहर आने में कामयाब हो गया। कौन उसे संरक्षण दे रहा था। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह सबसे महत्वपूर्ण पहलू है और इसकी जांच होनी चाहिए।
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