बाबरी मस्जिद मामला: कल्याण सिंह ने मिठाई बांटकर खुशी का इजहार किया, योगी आदित्यनाथ ने किया फोन

Tricity Today | कल्याण सिंह ने मिठाई बांटकर खुशी का इजहार किया



भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेता और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में सीबीआई अदालत से बरी होने के बाद खुशी का इजहार किया है। कल्याण सिंह गाजियाबाद के यशोदा अस्पताल में भर्ती हैं। कोरोना वायरस से संक्रमित होने के कारण उनका उपचार किया जा रहा है। फैसला आने के बाद उन्होंने बचाव के उपायों का उपयोग करते हुए मिठाई बांटकर खुशी जाहिर की है। कोर्ट से आए फैसले पर चर्चा करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कल्याण सिंह को फोन करके बधाई दी है.

विशेष सीबीआई अदालत ने पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, पूर्व केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री मुरली मनोहर जोशी, मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती समेत 32 अभियुक्तों को बुधवार की दोपहर बरी कर दिया है। अदालत ने अपने लंबे फैसले में इन सभी लोगों को दोष मुक्त करने की खुले तौर पर घोषणा की है। इसके बाद भारतीय जनता पार्टी नेताओं का एक-दूसरे को बधाई देने का दौर शुरू हो गया। गाजियाबाद के कौशांबी अस्पताल में भर्ती पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने इस फैसले पर खुशी जाहिर की है। 

अस्पताल प्रशासन की ओर से बताया गया है कि कल्याण सिंह ने फैसले से जुड़ी खबर न्यूज़ चैनल पर देखी। इसके बाद उन्होंने लड्डू और मिठाई मंगवाई। खुद खाई और स्टाफ को खाने के लिए कहा है। सुरक्षा उपायों के साथ कल्याण सिंह को मिठाई बांटने की अनुमति दी गई थी। इसके बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कल्याण सिंह को फोन किया। उन्हें अदालत से बरी होने पर बधाई दी है। दोनों नेताओं के बीच करीब 10 मिनट तक टेलिफोनिक बातचीत हुई है।

बाबू कल्याण सिंह के बेटे और सांसद राजवीर सिंह ने कहा, "बाबूजी को तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने राजनीतिक विद्वेष के कारण इस मामले में फंसाया था। शुरू से ही सभी को मालूम था कि बाबरी विध्वंस में मुकदमा झेल रहे 32 नेताओं का इससे कोई सरोकार नहीं है। सीबीआई का गलत इस्तेमाल करते हुए तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने राजनीतिक विपक्षियों को प्रताड़ना दी है।" आपको बता दें कि विशेष सीबीआई अदालत ने सभी 32 आरोपियों को फैसले के दिन अदालत में मौजूद रहने का आदेश दिया था। लेकिन विभिन्न कारणों से पूर्व प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, कल्याण सिंह, राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास और सतीश प्रधान हाजिर नहीं हो सके।

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