गाजियाबाद: 32 करोड़ की जमीन प्रशासन ने कराई कब्जामुक्त

Tricity Today | 32 करोड़ की जमीन प्रशासन ने कराई कब्जामुक्त



महीउद्दीनपुर-कनावनी गांव की खतौनी में फर्जी रूप से दर्ज कराकर वारिसान बन रहे लोगों की इस जमीन को खारिज करते हुए प्रशासन ने जमीन को कब्जामुक्त कर बंजर जमीन की रूप में दर्ज कर लिया है। एसडीएम सदर देवेंद्र पाल सिंह ने बताया कि कनावनी की यह 32 करोड़ रुपए की जमीन मुक्त कराई गई है। जिलाधिकारी डॉ.अजय शंकर पांडेय के आदेश पर यह कार्रवाई की गई। जिलाधिकारी द्वारा जारी सर्किल रेट के अनुसार 42 हजार रुपए प्रतिवर्गमीटर रेट के अनुसार 31 करोड़ 87 लाख 80 हजार रुपए कीमत की इस जमीन को बंजर में दर्ज किया गया। 

इस भूमि पर कई दशक पहले से कुछ आरोपितों ने खतौनी में फर्जीवाड़ा कर कब्जा कर लिया था। एसडीएम सदर देवेंद्र पाल सिंह ने बताया कि अदालत में यह प्रकरण चल रहा था। सदर तहसीलदार की जांच आख्या के बाद प्रशासन ने इस भूमि को सरकारी बंजर भूमि में दर्ज कर दिया है। एसडीएम सदर देवेंद्र पाल सिंह ने बताया कि महीउद्दीनपुर कनावनी गांव के खसरा नंबर-206/2 का रकबा तीन बीघा बंजर सरकार की भूमि थी। वर्ष-1969 यानी 1376 फसली की खतौनी में विमला पत्नी रघुराज निवासी हॉज खास दिल्ली के कब्जेदार होने की एंट्री दर्ज कर दी गई।

इसी खाते पर एक आदेश एसडीओ गाजियाबाद वाद संख्या 91 आदेश 21 मार्च 1972 होने की खतौनी मेंं फर्जी एंट्री की गई। इसके साथ ही अन्य कई तरह से भी इस भूमि की एंट्री होती चली गई। राजस्व अभिलेखों में यह भूमि दो खातों में दर्ज है। दोनों खातों में रकबा तीन बीघा ही दर्ज है। इसमें फर्जीवाड़ा कर खतौनी में नाम दर्ज कराया गया। दस्तावेजों में दो गुना कर दिया गया। एसडीएम कोर्ट में मामला लंबित था। इस मामले में तहसीलदार सदर से जांच कराई गई तो सही तथ्य प्रकाश में आए। इसके बाद उन्होंने अपनी जांच आख्या एसडीएम को दी। इसके बाद एसडीएम सदर ने भूमि को जांच एवं साक्ष्यों के आधार पर परीक्षण के बाद वर्ष-1359 फसली यानि 1952 जमींदारी विनॉश अधिनियम लागू के समय के अनुसार इसे बंजर सरकार की भूमि में दर्ज करा दिया गया।

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