Ghaziabad: आम आदमी छोड़िए नगर निगम के अरबों रुपए दबाकर बैठी हैं केंद्र और राज्य सरकार, वसूली के लिए बड़ा कदम उठाया

Google Image | गाजियाबाद नगर निगम



गाजियाबाद नगर निगम के टैक्स पर कई सरकारी विभाग कुंडली मारे बैठे है। इन विभागों पर 120 करोड़ 42 लाख रुपये बकाया है। इन सरकारी विभागों में बिजली, रेलवे, मेट्रो जल निगम जैसे विभाग शामिल है। इन विभागों ने सर्विस टैक्स के रूप में करोड़ों रुपये निगम को जमा नहीं कराया है। इससे निगम की आर्थिक स्थिति पर विपरीत असर पड़ा है।

भाजपा के वरिष्ठ पार्षद राजेंद्र त्यागी ने इस मामले में मुख्यमंत्री सहित सूबे के तमाम आला अधिकारियों को पत्र लिखकर उनका ध्यान इस ओर दिलाया है। उन्होंने बताया कि विभिन्न सरकारी विभागों पर नगर निगम का काफी टैक्स बकाया है। कई सालों से सरकारी विभाग नगर निगम में पैसा जमा नहीं करा रहे है। अकेले बिजली विभाग ने 2013 से ही पैसा जमा नहीं कराया है। बिजली विभाग पर ही 60 करोड़ 72 लाख 57 हजार 728 रुपये बकाया है। जबकि सड़क पटरियों पर लगे ट्रांसफार्मरों का किराया 15 करोड़ 54 लाख 52 हजार 506 रुपये बकाया है। कुला मिलाकर बिजली विभाग पर ही 80 करोड़ 60 लाख से अधिक की धनराशि बकाया है। इस मामले में कई बार स्थानीय निकाय निदेशालय को भेजा जा चुका है। लेकिन आज तक बिजली विभाग द्वारा निगम को टैक्स का भुगतान नहीं किया गया। 

पूर्व जीडीए बोर्ड मेंबर का कहना है कि बिजली विभाग निगम के स्ट्रीट लाइट के बिल का भुगतान शासन स्तर पर ही समायोजित करा लेता है। स्थानीय नगर निकाय विभाग शासन स्तर ही बिजली बिल का भुगतान कर देता है। जबकि नगम अपने पैसे के लिए अन्य विभागों की ओर मुंह ताकता रहता है। उन्होंने इस मामले में स्थानीय नपगर निकाय एवं प्रमुख सचिव नगर निकाय से कहा है कि बिजली विभाग का पैसा शासन स्तर पर तभी सामायोजित किया जाय जब निगम के सर्विस टैक्स का पैसा एडजस्ट कर लिया जाय। 

उन्होंने बताया कि इसी तरह उत्तर रेलवे पर निगम का रेलवे स्टेशन के सर्विस चार्ज के रूप में 4 करोड़, 47 लाख से अधिक बकाया है। इस मामले में शासन को रेलवे विभाग से सपर्क कर अपने पैसे की मांग करें। इसी प्रकार नगर निगम क्षेत्र में पडऩे वाले 10 मेट्रो स्टेशन पर सर्विस चार्ज के रूप में 6 करोड़ 5 लाख से अधिक बकाया है। अभी तक इसका भुगतान नहीं हुआ है। जबकि गंगाजल परियोजना इकाई पर 31 मार्च 2031 तक 4 करोड़ 23 लाख 24 हजार रुपये से अधिक बकाया है। उन्होंने बताया कि यह सिर्फ चार सरकारी विभागों का बकाया है। अन्य विभागों पर भी करोड़ों रुपया टैक्स बकाया है। अगर निगम को यह पैसे मिलते है तो उसकी आर्थिक स्थिति काफी सुधरेगी। इस मामले में उन्होंने सीएम समेत शासन के सभी उच्चाधिकारियों को पत्र लिखा है।

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