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जमीयत उलेमा ने जिलाधिकारी के नाम ज्ञापन देकर बकरीद पर कुर्बानी की गाइडलाइन जारी करने की मांग रखी है। संस्था के महासचिव मौलाना असजद कासमी का कहना है कि मुसलमानों के लिए ईद-उल-जुहा यानि बकरीद का पर्व पाक माना जाता है। इस दिन मुसलमान नमाज पढऩे के साथ साथ जनवरों की कुर्बानी भी देते है। इस सरकार द्वारा गैर प्रतिबंधित जानवरों को काटने के लिए गाइड लाइन जारी की है। लेकिन स्थानीय स्तर पर यह भ्रम की स्थिति बनी हुई है कि बकरे के अलावा किसी अन्य जानवरों की कुर्बानी नहीं दी जा सकती है।
संस्था पिछले सौ सालों से यह त्योहार मनाती आ रही है। लोगों के मन से भ्रम दूर करने के लिए प्रशासन द्वारा कुर्बानी के संबंध में नई गाइडलाइन जारी होना चाहिए। ज्ञापन देने के मौके पर संस्था के उपाध्यक्ष मुफ्ती फुरकान अख्तर कासमी के साथ अन्य लोग मौजूद थे।
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