Tricity Today | Mayawati
प्रवासी मजदूरों को उनके घरों तक पहुंचाने के लिए राज्य और केंद्र सरकार ट्रेन और बसों का भाड़ा वसूल कर रही हैं। इस पर बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की है। सोमवार की सुबह बसपा सुप्रीमो ने एक के बाद एक कई ट्वीट किए। सरकारों को आड़े हाथों लिया है। मायावती ने कहा, अगर सरकारें कह दें कि उनके पास पैसा नहीं है तो प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुंचाने के लिए खाने-पीने और भाड़े का खर्च बहुजन समाज पार्टी उठाएगी।
मायावती ने अपने ट्वीट में लिखा, "यह अति-दुर्भाग्यपूर्ण है कि केन्द्र और राज्य सरकारें प्रवासी मजदूरों को ट्रेनों व बसों आदि से भेजने के लिए उनसे किराया भी वसूल रही हैं। सभी सरकारें यह स्पष्ट करें कि वे उन्हें भेजने के लिए किराया नहीं दे पायेंगी। बीएसपी की यह मांग है। ऐसी स्थिति में बीएसपी का यह भी कहना है यदि सरकारें प्रवासी मजदूरों का किराया देने में आनाकानी करती है तो फिर बीएसपी अपने सामर्थ्यवान लोगों से मदद लेकर उनके भेजने की व्यवस्था करने में अपना थोड़ा योगदान जरूर करेगी।"
आपको बता दें कि लॉकडाउन का तीसरा चरण शुरू होने से पहले केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय ने एक एडवाइजरी जारी की थी। जिसमें कहा गया था कि प्रवासी मजदूर अपने घर वापस जा सकते हैं। इसके लिए राज्यों से विशेष ट्रेनों का इंतजाम किया गया है। केंद्र सरकार ने यह भी कहा कि यह किराया केंद्र सरकार, राज्य सरकारों से वसूल करेगी। इसके लिए बाकायदा पत्र भी भेजे गए हैं। जिसमें विशेष ट्रेन और उस पर आने वाले खर्च का ब्यौरा राज्यों को भेजकर पैसा मांगा गया है।
दूसरी ओर कुछ राज्यों ने यह किराया मजदूरों से वसूलने की बात कही है। बिहार सरकार ने तो एकबारगी मजदूरों को वापस भेजने पर भी आपत्ति जाहिर की थी। साथ ही दिल्ली-एनसीआर और राजस्थान में फंसे छात्रों को वापस बिहार ले जाने के लिए बसों की कमी बताई। जिसके बाद बिहार सरकार का तीखा विरोध किया गया था। इसके बाद ही मायावती ने यह बयान जारी किया है।
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