बाबरी मस्जिद विध्वंस के फैसले में अदालत ने लिखा, ढांचा तोड़ने के लिए शरारती तत्व जिम्मेदार, आरएसएस-वीएचपी ने हालात संभाले

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सीबीआई की एक विशेष अदालत ने बुधवार को कहा कि अयोध्या में 1992 में विवादित ढांचा तोड़ने के लिए शरारती तत्व जिम्मेदार थे और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ तथा विश्व हिंदू परिषद के स्वयंसेवकों ने स्थिति को संभाला। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि ऐसे उपद्रवी 'कारसेवकों को कभी भी 'राम भक्त नहीं कहा जा सकता क्योंकि उनके कारनामों से राष्ट्र की पंथनिरपेक्ष छवि को धक्का लगा और उच्चतम न्यायालय को भी 2019 में दिए गए अपने फैसले में इससे संबंधित टिप्पणी करनी पड़ी। 

विशेष न्यायाधीश एस के यादव ने 2,300 पन्नों के अपने फैसले में कहा कि इसका कोई साक्ष्य उपलब्ध नहीं है जिससे यह साबित हो सके कि उपद्रवी तत्व और आरोपियों ने मिलकर कोई षड्यंत्र रचा था। सीबीआई की अदालत ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और विश्व हिंदू परिषद ने स्थिति को संभाला और इस बाबत उनके द्वारा निर्देश दिया गया। 

अदालत ने कहा कि उनके द्वारा महिलाओं, वरिष्ठ नागरिकों और संवाददाताओं के बैठने के लिए व्यवस्था की गई थी। अदालत ने कहा कि कारसेवकों के एक अलग समूह द्वारा अराजकता उत्पन्न की गई जो शरारती या असामाजिक तत्व थे।

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