Tricity Today | Noida Gate
नोएडा और गाजियाबाद के लोगों के लिए अभी दिल्ली जाना आसान नहीं होगा। प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि दिल्ली में कोरोना के मामले अधिक हैं। दिल्ली के चलते ही यहां पर मरीजों की संख्या बढ़ गई है। इसलिए अपने नागरिक नागरिकों की जान खतरे में नहीं सकते हैं। अभी सिर्फ जरूरी सेवाओं के लिए लिए ही दिल्ली के बॉर्डर खोले जाएंगे। एनसीआर के लिए सिंगल पास के सुझाव पर भी यूपी सरकार ने मना कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आपके यहां नेशनल गाइडलाइंस के बजाय एसिम्प्टोमैटिक को अस्पताल में भर्ती करा रहे हैं। इस पर यूपी सरकार के वकील ने कहा कि राज्य द्वारा तय की गई गाइडलाइन का अनुपालन किया जा रहा है। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यूपी सरकार को दिक्कत है तो इस मामले में वह सुविधाओं, व्यवस्थाओं, जर्नलिस्ट्स और वकीलों के संबंध में स्टेटस रिपोर्ट दे। साथ ही बताएं कि बाध्यकारी नेशनल गाइडलाइन को कैसे बाइपास कर रहे हैं? क्या आधार है?
यूपी को दिक्कत
दिल्ली, उत्तर प्रदेश और हरियाणा में बॉर्डर खोलने के मामले में सुनवाई में सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि होम सेक्रेटरी ने तीनों राज्यों की मीटिंग बुलाई थी। हरियाणा और दिल्ली ने कहा कि दो राज्यों के बीच आवागमन में अब कोई रुकावट नहीं है। बॉर्डर खोल दिये गए हैं। लेकिन उत्तर प्रदेश ने कहा कि दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए बॉर्डर पूरी तरह से नहीं खोला जा सकता। उत्तर प्रदेश केवल जरूरी सामानों के लिए हो बॉर्डर खोलने को राजी है।
सुप्रीम कोर्ट ने एसिम्प्टोमैटिक संक्रमित लोगों को होम क्वारंटीन कराने के बजाय संस्थागत क्वारंटीन कराए जाने को लेकर आलोचना की।सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राष्ट्रीय दिशानिर्देशों के विपरीत दिशानिर्देश नहीं हो सकते। ऐसी स्थितियां परेशानी पैदा कर सकती हैं। अदालत ने यूपी सरकार से स्पष्टीकरण तलब किया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले में हम आदेश पारित करके यह स्पष्ट कर सकते हैं कि राष्ट्रीय दिशानिर्देशों का पालन किया जाएगा। अब अगली सुनवाई बुधवार को होगी।
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