उत्तर प्रदेश में गेहूं खरीद सरकार ने शुरू कर दी है। लेकिन इस बार किसानों को अपना गेहूं बेचने के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करना होगा। रजिस्ट्रेशन पूरा करने के बाद एक टोकन नंबर मिलेगा, उस टोकन नंबर के आधार पर परचेजिंग सेंटर गेहूं की खरीद करेगा। यह प्रक्रिया थोड़ी जटिल है लेकिन पारदर्शी और सुरक्षित होने के कारण बेहद जरूरी भी है। हालांकि, उत्तर प्रदेश के किसानों को यह पंजीकरण करना थोड़ा कठिनाई भरा लग रहा है। इसलिए हम यहां पंजीकरण की प्रक्रिया की पूरी जानकारी सरलता से उपलब्ध करा रहे हैं। जिसे आप सावधानीपूर्वक पढ़ेंगे तो सहूलियत हो जाएगी।
किसान पंजीकरण हेतु महत्वपूर्ण जानकारी
किसान पंजीकरण हेतु आवेदन करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार के खाद्य रसद विभाग की आधिकारिक वेबसाइट के इस लिंक पर जाएं। https://eproc.up.gov.in/wheat/Uparjan/farmerreg_home.aspx
इस लिंक पर क्लिक करने के बाद स्टेप 1 से स्टेप 6 तक पालन करना अनिवार्य है।
ऑनलाइन किसान पंजीकरण करने के लिए सबसे पहले “स्टेप 1 में दिए गए पंजीकरण प्रारूप” को डाउनलोड करके प्रिंट कर लें। प्रिंट किये गए प्रारूप की जांच करके आवश्यक सूचनाएं भर लें।
किसान पंजीकरण में फसल (गेहूं) हेतु उपयोग की जाने वाली सभी भूमियों का विवरण देना अनिवार्य है।
भूमि विवरण के साथ खतौनी/खाता संख्या, प्लाट/खसरा संख्या, भूमि का रकबा (हेक्टेयर में) आउर फसल (गेहूं) का रकबा (हेक्टेयर में) भरना अनिवार्य है।
आधार कार्ड, बैंक पास बुक और राजस्व अभिलेखों का सही विवरण दर्ज करें।
“स्टेप 1के पंजीकरण प्रारूप” भरने के पश्चात “स्टेप 2 में पंजीकरण पपत्र” के विकल्प से ऑनलाइन आवेदन दर्ज कर लें।
ऑनलाइन आवेदन दर्ज होने पर “पंजीकरण संख्या” मिलेगी, उसे नोट कर लें।
“स्टेप 3 में पंजीकरण ड्राफ्ट” से ड्राफ्ट आवेदन पत्र प्रिंट कर लें।
पंजीकरण ड्राफ्ट में दर्ज सभी बिन्दुओं का पुनः निरीक्षण कर लें। मोबाइल संख्या देकर पंजीकरण ड्राफ्ट पुनः प्रिंट किया जा सकता है।
आवेदन में दर्ज सभी बिन्दुओं का निरीक्षण करने के पश्चात यदि किसी संशोधन की आवश्यकता है तो “स्टेप 4 में पंजीकरण संशोधन” से मोबाइल संख्या देकर आवेदन में संशोधन किया जा सकता है।
यदि आवेदन का निरीक्षण करने के बाद कोई त्रुटी नहीं पाई जाती है तो “स्टेप 5 में पंजीकरण लॉक” के विकल्प से आवेदन लॉक कर दें।
आवेदन लॉक हो जाने के पश्चात उसमें कोई संशोधन किसी भी स्तर से सम्भव नहीं होगा।
आवेदन लॉक हो जाने के पश्चात “स्टेप 6 में पंजीकरण फाइनल प्रिंट” के विकल्प से आवेदन का फाइनल प्रिंट ले कर सुरक्षित रख लें।
जब तक आवेदन लॉक नहीं किया जाता है, किसान पंजीकरण स्वीकार नहीं किया जायेगा।
इस वर्ष ओटीपी (OTP) आधारित पंजीकरण की व्यवस्था की गयी है। जिसके लिए किसान को पंजीकरण के समय अपना मोबाइल नम्बर आवेदन में भरना है। दर्ज मोबाइल नम्बर पर एसएमएस द्वारा भेजे गए ओटीपी (OTP) को भरकर पंजीकरण प्रकिया को पूरा किया जा सकते हैं।
यह सावधानियां जरूर बरतें
100 कुन्टल से अधिक विक्रय हेतु उपजिलाधिकारी से ऑनलाइन सत्यापन कराया जायेगा। चकबन्दी के ग्रामों में बेची जाने वाली मात्रा का शत प्रतिशत सत्यापन कराया जायगा।
किसान अपने खतौनी में दर्ज नाम का पंजीकरण में सही-सही दर्ज करें। खतौनी में उल्लेखित (बाये तरफ) समस्त नामों में अपना नाम चुने जाने के विकल्प उन्हें ऑनलाइन ड्राप डाउन में उपल्ध रहेगा। नाम से भिन्नता की स्थिति में उपजिलाधिकारी द्वारा ऑनलाइन सत्यापन किया जायेगा।
किसान अपना आधार संख्या, आधार कार्ड में अंकित अपना नाम तथा लिंग सही-सही अंकित करें।
किसान अपना बैंक खाता सीबीएस खाता खुलवाएं और बैंक खाता, आईएफएससी कोड भरने में विशेष सावधानी रखें। जिससे पीएफएमएस के माध्यम से त्वरित भुगतान सुनिश्चित हो सके, इसके लिए किसान अपने एकल बैंक खाते का नम्बर ही पंजीकरण के समय दें।
जो कृषक खरीफ विपणन वर्ष 2019-20 में धान खरीद के लिए पंजीकरण करा चुके हैं। उन्हें गेहूं विक्रय के लिए पुनः पंजीकरण कराने की आवश्यता नहीं है। संशोधन कर या बिना संशोधन के पुनः लॉक कराना होगा।
गेहूं विक्रय के समय पंजीयन प्रपत्र के साथ कम्प्यूटराइज़्ड खतौनी, फोटो युक्त पहचान पत्र, बैंक के पास बुक के प्रथम पृष्ठ की छाया प्रति और आधार कार्ड साथ लेकर आएं।
गेहूं विक्रय के समय किसान अपने पंजीकरण प्रपत्र अवश्य लेकर जाएं।
पंजीकरण प्रपत्र में यह देख लें कि उनके विक्रय की मात्रा 100 कुन्टल से अधिक होने पर, नाम का मिसमैच होने पर अथवा चकबंदी ग्राम होने पर उपजिलाधिकारी से सत्यापन हो गया है।
साथ ही पंजीकरण में पीएफएमएस से बैंक खाता सत्यापित हो गया है।
गेहूं विक्रय के उपरान्त केन्द्र प्रभारी से पावती पत्र अवश्य प्राप्त कर लें।
गेहूं विक्रय की अवधि दिनांक 01 अप्रैल 2020 से 15 जून 2020 तक है।