Google Image | Yogi Adityanath
उत्तर प्रदेश सरकार ने सोमवार को बड़ा फैसला लेते हुए राज्य में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों को होम आइसोलेशन की मंजूरी दे दी है। हालांकि इसके लिए कुछ शर्तें अनिवार्य रूप से तय की गई हैं, जिनका मरीज को पालन करना होगा। स्वास्थ्य विभाग ऐसे मरीजों की निगरानी भी अपने स्तर पर करेगा और अगर स्वास्थ्य विभाग को लगेगा कि मरीज को अस्पताल में भर्ती करना आवश्यक है तो उसे तत्काल अस्पताल में भर्ती किया जाएगा।
सोमवार की दोपहर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में कोरोना वायरस के संक्रमण और इसके खिलाफ चल रहे बचाव की समीक्षा की। इस दौरान स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव समेत महत्वपूर्ण अधिकारी और मंत्री बैठक में शामिल रहे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बड़ी संख्या में कोविड-19 के लक्षण रहित संक्रमित लोग बीमारी को छुपा रहे हैं। जिससे संक्रमण बढ़ सकता है। इसके दृष्टिगत राज्य सरकार एक निर्धारित प्रोटोकॉल के अधीन शर्तों के साथ होम आइसोलेशन की अनुमति देगी। रोगी और उसके परिवार को होम आइसोलेशन के प्रोटोकॉल का पालन करना अनिवार्य होगा। राज्य सरकार के पास कोविड-19 लो में पर्याप्त संख्या में भीड़ मौजूद हैं।
सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सरकारी आवास पर बुलाई एक उच्च स्तरीय बैठक में अनलॉक व्यवस्था की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस व्यवस्था को लागू करने के साथ-साथ लोगों को कोविड-19 से बचाव के बारे में सतत जागरूक किया जाए। इस बारे में एक व्यापक जागरूकता अभियान संचालित किया जाए। जागरूकता अभियान में प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक व सोशल मीडिया सहित बैनर, होर्डिंग, पोस्टर और पब्लिक एड्रेस सिस्टम का उपयोग किया जाए। उन्होंने मास्क के अनिवार्य रूप से उपयोग और सोशल डिस्टेंसिंग का कड़ाई से पालन करने के निर्देश भी जारी किए हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बेहतर इम्यूनिटी कोविड-19 के बचाव के लिए जरूरी है। इस बारे में जनता को जागरूक करने की आवश्यकता है। लोगों को आरोग्य सेतु एप और आयुष कवच कोविड-19 एप डाउन लोड करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। जनता को यह भी बताया जाए कि आयुष कवच कोविड-19 एप में दी गई जानकारी को अपनाकर इम्युनिटी में वृद्धि की जा सकती है। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि डोर टू डोर सर्वे एक आवश्यक प्रक्रिया है। जिसके अंतर्गत मेडिकल स्क्रीन के माध्यम से कोविड-19 नियंत्रित करने में सहायता मिल रही है।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोविड-19 से होने वाली मृत्यु दर को न्यूनतम स्तर पर लाने की आवश्यकता है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग और चिकित्सा शिक्षा विभाग प्रभावी कार्यवाही करें। संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए कांटेक्ट ट्रेसिंग प्रत्येक दशा में की जाए। मुख्यमंत्री ने जनपद लखनऊ, कानपुर नगर, बस्ती, प्रयागराज, बरेली, गोरखपुर, बलिया, झांसी, मुरादाबाद और वाराणसी में चिकित्सकों की विशेष टीम भेजने के लिए स्वास्थ्य विभाग और चिकित्सा शिक्षा विभाग को आदेश दिया है।
उन्होंने कहा कि इन जनपदों के नोडल अधिकारी भी टीम के साथ रहेंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अस्पतालों में सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध रहनी चाहिए। एल वन कोविड-19 अस्पतालों में ऑक्सीजन और एल टू कोविड-19 अस्पतालों में ऑक्सीजन के साथ वेंटीलेटर की व्यवस्था रहनी चाहिए। कोविड-19 अस्पतालों के लिए अलग-अलग एंबुलेंस की व्यवस्था होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी अस्पतालों में साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि चिकित्सक नियमित रूप से राउंड लें। पैरामेडिक्स रोगियों की मॉनिटरिंग करें। कर्मियों को मेडिकल इंफेक्शन से सुरक्षित रखने के लिए ट्रेनिंग लगातार दी जाए।
योगी आदित्यनाथ ने शनिवार और रविवार को प्रदेश में संचालित विशेष स्वच्छता और सैनिटाइजेशन अभियान की जानकारी ली। मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया है कि यह कार्यक्रम प्रदेश भर में बहुत सफल रहा है। इस दौरान ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में स्वच्छता और सैनिटाइजेशन के कार्यों के साथ-साथ फागिंग, एंटी लारवा रसायनों का व्यापक स्तर पर छिड़काव कराया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोगों को कोरोना संक्रमण के लक्षण होने पर उनके घरों में ही आइसोलेट करने के लिए मंजूरी देने की बात कही है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग को जरूरी नियम-कायदे तय करने का आदेश मुख्यमंत्री ने दिया है।
सोमवार को मुख्यमंत्री के साथ हुई बैठक में चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना, स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह, स्वास्थ्य राज्य मंत्री अतुल गर्ग, मुख्य सचिव आरके तिवारी, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त आलोक टंडन, कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्हा, अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी, अपर मुख्य सचिव संजीव मित्तल, अपर मुख्य सचिव राजस्व रेणुका कुमार, पुलिस महानिदेशक हितेश चंद्र अवस्थी, अपर मुख्य सचिव चिकित्सा शिक्षा रजनीश दुबे, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद, अपर मुख्य सचिव ग्राम विकास पंचायती राज मनोज कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी, अपर मुख्य सचिव एमएसएमई नवनीत सहगल, प्रमुख सचिव पशुपालन भुवनेश कुमार, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव संजय प्रसाद, मुख्यमंत्री के सचिव आलोक कुमार और सूचना निदेशक शिशिर सिंह उपस्थित रहे
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