Republic Day Special : हम हैं हिन्द की सेना, हमारे इन 5 हथियारों से थर्राते हैं दुश्मन

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भारत 68वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। क्या आप जानते हैं पिछले 68 सालों में भारत की तरक्की से ब्रिटेन जैसे देश भी थर्राते हैं। अब भारतीय सेना के पास इतने खतरनाक हथियार हैं जिनके डर से हमारे दुश्मन भारत की तरफ आंख उठाने से पहले सौ बार सोचते हैं। जानिए भारतीय सेना के पांच सबसे खतरनाक हथियारों के बारे में। 

1. आवाज की गति से तेज चलकर गोला बारूद बरसाने में सक्षम मिसाइल 

भारतीय सेना के सबसे घातक हथियारों से एक ब्रम्होस मिसाइल माना जाता है। इस मिसाइल को रूस और भारत ने मिलकर तैयार किया था। 2005 से इसे हमारी नौसेना में शामिल किया गया। सबसे ज्यादा सटीक वार करने वाली इस मिसाइल की मारक क्षमता 290 किलोमीटर है। आवाज से भी तेज गति से चलने वाली यह मिसाइल अपने दुश्मनों के ठुकानों तक 200 से 300 किलो तक गोला-बारूद बरसा सकती है। 

2. दुश्मन के टैंकों को डस लेगी नाग मिसाइल 

टैंकरोधी मिसाइन नाग को भारतीय सेना की जान कहा जाता है। दुनिया के किसी भी सेना के टैंक को यह मिसाइल कुछ ही क्षणों में ध्वस्त कर सकती है। इसकी मारक क्षमता चार से पांच किलोमीटर है। वहीं नाग कैरियर में एक बार में 12 मिसाइल तैनात की जा सकती हैं और एक साथ आठ मिसाइलों को दागा जा सकता है।

 

3. समुद्र में तैरता बेड़ा आइएनएस विक्रमादित्य 

44,500 टन वजनी इस विमान वाहक पोत को 2013 में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था। 44,500 टन क्षमता वाले इस युद्धपोत की लंबाई 283.1 मीटर और ऊंचाई 60.0 मीटर है। इसपर डेकों की संख्या 22 है। कुल मिलाकर इसका क्षेत्र तीन फुटबाल मैदान के बराबर है। इस पोत में कुल 22 तल हैं और 1,600 लोगों को ले जाने की क्षमता है। यह 32 नॉट (59 किमी/घंटा) की रफ्तार से गश्त करता है और 100 दिन तक लगातार समुद्र में रह सकता है। यह 24 मिग -29K/KUB ले जाने में सक्षम है। इस पोत का नाम ऐडमिरल गोर्शकोव था जिसका नाम बाद में बदलकर विक्रमादित्य कर दिया गया। विक्रमादित्य में विमानपट्टी भी है।

4. रात में गोले बरसाने वाले टैंक 

टी-90 भीष्म साउथ एशिया के किसी भी सेना में मौजूद टैंकों में सबसे ज्यादा सक्षम टैंक है। 48000 किलो के वजनी इस टैंक में तीन जवान बैठकर किसी भी मु्श्किल एरिया में पहुंच सकता है। यह पांच मीटर तक गहरे पानी की को भी पार कर दुश्मन पर वार कर सकता है। टी-90 भीष्म में 125 एमएम की चार मशीन लगी होती हैं जिनकी मारक दूरी 10 किमी तक है। इसे 1993 में भारतीय सेना में शामिल गया। इस टैंक प्रयोग रात के अंधेरे में भी किया जा सकता है क्योंकि यह अंधेरे में देखने की तकनीक से लैस होता है। इसमें खतरे को भांपने वाले सिग्नल भी मौजूद हैं जो सैनिक को पहले ही आगाह कर देता है।

5. पिनाका लॉन्चर 

रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) और भारतीय सेना द्वारा संयुक्त रूप से विकसित इस मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर में अनेक विशेषताएं हैं। 'पिनाका’ एक ऐसी हथियार प्रणाली है जिसका लक्ष्य मौजूदा तोपों के लिए 30 किलोमीटर के दायरे के बाहर पूरक व्यवस्था करना है। कम तीव्रता वाली युद्ध जैसी स्थिति के दौरान त्वरित प्रतिक्रिया और तेजी से दागने की क्षमता सेना को बढ़त दिलाती है।

 

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