Tricity Today | गाजियाबाद में जलभराव के कारण बुरा हल है।
शुक्रवार को हुई मूसलाधार बारिश में वही लोग डूब गए जिन पर गाजियाबाद को उबारने की जिम्मेदारी है। बारिश ने पूरा शहर अस्त-पस्त कर दिया। शहर में जहां सड़कें पानी से लबालब हो गई। वहीं, आरडीसी स्थित नगर आयुक्त के निवास में कई फीट पानी भर गया। ऐसा ही हाल जीडीए कार्यालय में बेसमेंट में पानी भरने से हो गया। बाबू पानी निकालने में जुटे रहे। जीडीए के बेसमेंट में पानी भरने से बाबू बाहर आ गए। ऐसा ही हाल नगर आयुक्त के निवास का रहा। जहां पानी भरने से सड़क और निवास लबालब भर गया।
गाजियाबाद शहर के अलावा जिले में मोदीनगर, मुरादनगर, डासना, मसूरी, विजय नगर, सेक्टर-23 संजय नगर, नवयुग मार्केट, पटेल नगर, पुराना बस अड्डा, गांधी नगर, राजनगर, कविनगर, साहिबाबाद, कौशांबी, वैशाली, इंदिरापुरम, लोनी आदि इलाकों में सड़कों पर भारी मात्रा में पानी भरने से हाइवे तक पर वाहनों का लंबा जाम लग गया।
डीएम ने बारिश में जलभराव की स्थिति का लिया जायजा
जिलाधिकारी डॉ.अजय शंकर पांडेय ने भारी मात्रा में हुई शुक्रवार को बारिश के चलते कई इलाकों में जलभराव की स्थिति का जायजा लिया।जिलाधिकारी डॉ.अजय शंकर पांडेय ने नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.मिथलेश कुमार आदि अधिकारियों के साथ बारिश में जहां-जहां पर जलभराव की स्थिति हो रही हैं। वहां पर पानी की निकासी के लिए मौके पर ही नगर निगम के अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने विभिन्न इलाकों में निरीक्षण करते हुए निर्देश दिए कि जल्द से जल्द पानी का साफ किया जाए। जलभराव को लेकर अन्य स्थानों पर भी निरीक्षण किया गया।
नाले की सफाई में ठेकेदार ने किया खेल, करीब 2 करोड़ रुपए खर्च किया, महापौर ने भेजा पत्र
बारिश के बाद पूरे शहर में हुए जलभराव से नाराज होकर महापौर आशा शर्मा ने नगर आयुक्त महेंद्र सिंह तंवर को सख्त पत्र लिखकर ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहा है। नगर निगम द्वारा शहर के नालों की सफाई पर करीब 2 करोड़ रुपए खर्च किया गया है। नालों की सफाई के नाम पर हुए खेल को शुक्रवार को हुई मूसलाधार बारिश ने पोल खोल कर रख दी। किस तरह से ठेकेदार ने बिना नाले को साफ किए फर्जी तरीके से भुगतान लेकर एक बड़े घोटाले को अंजाम दिया। इसकी बानगी बारिश में देखने को मिली। बारिश के बाद सड़कों पर हुए जलभराव के कारण गौशाला अंडरपास में डूब कर एक युवक की मौत हो गई।
नालों की सफाई मेंं सिंडिकेट काम कर रहा है
मिली जानकारी के मुताबिक शहर में हुए इस जलभराव की वजह वजह नाली सफाई में हुए खेल को माना जा रहा है। नालों की सफाई मेंं एक सिंडिकेट काम कर रहा है। नाले-नालियों की सफाई में चुनिंदा दो-चार लोगों का ग्रुप इस कदर हावी है कि वह किसी अन्य को सफाई कार्य करने नहीं देते है। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए महापौर आशा शर्मा ने ठेकेदार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई और फर्म को ब्लैक लिस्ट करने के निर्देश दिए हैं। महापौर ने नगर आयुक्त को लिखे पत्र में कहा, "मैं मानती हूँ कि जलभराव के लिए साफ तौर पर नाले की सफाई नहीं होने को वजह माना है।" महापौर ने लिखा है कि नवयुग मार्केट, मालीवाड़ा, राकेश मार्ग, पटेल मार्ग, सर्वोदय नगर, शहीद नगर आदि अधिकांश नालों की सफाई के नाम पर सिर्फ लीपा पोती हुई है। विजयनगर क्षेत्र स्थित गौशाला फाटक पर हुई घटना दुखद है। ऐसे में यदि हम दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करेंगे तो आगे भी उनका मनोबल बढ़ता रहेगा और वह इसी तरह की हरकत करते रहेंगे।
महापौर ने लिखा, नाली सफाई नहीं करने वाले दोषी ठेकेदार की फर्म को ब्लैक लिस्ट किया जाना बेहद जरूरी है। नालों की सफाई को कुछ चुनिंदा ठेकेदारों ने पूरी तरह से अपने कब्जे में कर रखा है और वह किसी दूसरे को इस कार्य में आने नहीं देते। ठेकेदारों की नगर निगम अधिकारियों से भी अच्छी सांठगांठ है। पूर्व में भी इसके खिलाफ कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू हुई थी और फर्म ब्लैक लिस्ट की गई। लेकिन बाद में पूरे मामले को दबा दिया गया। पिछले कुछ वर्षों के नाले के खेल की जांच कराई गई तो यह एक बड़ा घोटाला निकल कर सामने आएगा। महापौर ने कहा कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
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