प्रोजेक्ट विषय के चयन में छात्र रखें खास ध्यान

शिक्षा | 4 साल पहले | Anika Gupta

Tricity | डॉ. भगवान पाटिल



शोध के लिए प्रोजेक्ट के विषयों का चयन करना हमेशा मुश्किल होता है। छात्र प्रोजेक्ट के लिए अक्सर गलत विषयों का चुनाव कर लेते हैं। छात्रों को इस समस्या से बचाने के लिए एमिटी विश्वविद्यालय ने  सोमवार को एक वेबिनार का आयोजन किया। इसमें  जीएसवाइके फांउडेशन के संस्थापक एवं निदेशक डॉ. भगवान एस पाटिल ने छात्रों को सही विषय का चयन करने में जरूरी बातें बताईं।

उन्होंने कहा कि शोध एंव प्रोजेक्ट विषयों के दौरान इस बात का अवश्य ध्यान रखें कि आपके शोध या प्रोजेक्ट के नतीजों से समाज के लोगों की समस्याओं का निराकरण हो सके। अपने शोध विचारों को साझा करें, शोध के विषय को समझें, समूह चर्चा करें और अपने आस-पास की समस्या का ठीक अध्ययन करें। यही आपको शोध एंव प्रोजक्ट कार्य के लिए प्रोत्साहित करेंगी। लोगों की आवश्यकता एवं समस्याओं को समझें। भोजन, घर, जल, स्वास्थय, कृषि, शिक्षा, रोजगार, व्यापार या पर्यावरण आदि से जुड़ी समस्याओं का समाधान तलाशने की कोशिश करें।

प्रोजेक्ट के लिए नवोन्मेष एंव समाजिक आर्थिक विषय, औद्योगिक अपशिष्ट को नये उत्पाद में बदलने, क्षेत्र से जुड़ें और इंर्टनशिप कार्यक्रम के दौरान दिये गये कार्यों पर आधारित प्रोजेक्ट को चुनें। प्रोजेक्ट के नतीजे से उत्पन्न उत्पाद कई स्तरों पर जैसे पर्यावरण को स्वच्छ करने, राजस्व बढ़ाने में सहायक बनें और इससे लोगो को रोजगार भी हासिल हो।

केन्द्र या राज्य सरकार द्वारा संचालित किये जा रहे अभियान जैसे स्वच्छ भारत, स्वस्थ भारत, अपशिष्ट प्रबंधन, अपशिष्ट  प्रबंधन, जल की कमी आदि पर आधारित प्रोजेक्ट सहित सामाजिक कार्य से जुडी तकनीक जैसे कंपोस्टिंग, वर्मी कंपोस्टिंग, बॉयोमिथेनेशन, पाइरोलॉयसिस, सूखा अपशिष्ठ को आरडीएफ में तब्दील एंव प्लास्टिक को मूल्य आधारित उत्पाद में बनाने आदि पर प्रोजेक्ट कार्य कर सकते हैं। डॉ. पाटील ने प्लास्टिक को मूल्य आधारित उत्पाद बनाने की तकनीक, ई-अपशिष्ट प्रबंधन सहित सैनेटरी पैड एंव डाइपर, बिना उपयोग में आई दवायें जैसे प्रोजेक्ट के बारे में जानकारी दी।

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