ANI | दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर जुटी मजदूरों की भीड़
उत्तर प्रदेश के औरैया जिले में शनिवार को भीषण सड़क हादसा हुआ। जिसमें 24 मजदूर मारे गए हैं। इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश के सभी पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को आदेश दिया है कि प्रवासी मजदूरों को सड़कों पर पैदल नहीं चलने दें। ट्रक और डग्गामार वाहनों में यात्रा नहीं करने दें। अगर कोई डग्गामार वाहन, ट्रक या कैंटर मजदूरों को भरकर ले जाता दिखाई दे तो उसे तत्काल सीज कर दिया जाए। ऐसे वाहनों के मालिकों और ड्राइवरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए। यह आदेश आने के बाद सड़कों पर सख्ती कर दी गई है। जिसका असर रविवार को दिन निकलते ही दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर देखने को मिला। रविवार की सुबह दिल्ली और उत्तर प्रदेश के बॉर्डर पर गाजीपुर में हजारों की संख्या में मजदूर इकट्ठा हो गए। उत्तर प्रदेश पुलिस ने इन मजदूरों को यूपी में प्रवेश नहीं करने दिया।
सीएम योगी के आदेश के बाद गाजीपुर-यूपी बॉर्डर पर प्रवासी मजदूर रोक दिए गए हैं। गाजियाबाद पुलिस उन्हें अपने क्षेत्र में घुसने नहीं दे रही है। इस वजह से बॉर्डर पर काफी भीड़ बढ़ गई है। शनिवार की सुबह नाराज फंसे मजदूर बार-बार ट्रैफिक रोकने की कोशिश कर रहे थे। ट्रैफिक पुलिस ने उन्हें सड़क से हटाया और यातायात व्यवस्था बहाल रखी। थोड़ी देर में एक बार फिर से सड़क पर गाड़ियां दौड़ने लगीं। लेकिन सड़कों के किनारे कई परिवार इकट्ठा हो गए। जो अपने बच्चों के साथ सड़क पर बैठने को मजबूर हैं। चिचिलाती धूप में रामभूल और उनकी पत्नी देवकी परेशान हैं। उनका कहना है कि अब रात यहीं गुजारनी होगी।
उन्होंने बताया कि पानीपत में मजदूरी कर रहे थे। उसी से परिवार का पेट पाल रहे थे। लेकिन अब हालत खराब हो गए हैं। हम जैसे कई लोगों के पास अब परिवार के लिए दो वक्त की रोटी नहीं है। कुछ दिनों से स्कूल में रह रहे थे। लेकिन जब खाने की व्यवस्था भी नहीं हो पाई तो घर के लिए रवाना होना पड़ा है। अब यहां से आगे जाने नहीं दिया जा रहा है। पता नहीं यहां कब तक फंसे रहेंगे।
कई परिवारों से बात की गई। इनका कहना है कि वह पिछले छह महीने से काम कर रहे थे। फिर लॉकडाउन में फंस गए। पिछले दो महीनों से किसी तरह टाइम काट रहे थे। लेकिन जब हालात बदतर हो गए तो उन्हें पैदल चलना पड़ा। सरकार उनके लिए कोई व्यवस्था नहीं कर पा रही है। उन्हें वापस घर लौटने भी नहीं दिया जा रहा है। इन जैसे कई परिवार को बॉर्डर पर ही रोक लिया गया है। इनके साथ छोटे-छोटे बच्चे भी हैं।
शनिवार को उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश कुमार अवस्थी ने कहा था कि सीएम योगी ने औरैया सड़क हादसे पर संवेदना व्यक्त करते हुए सभी वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दिया है कि किसी भी प्रवासी नागरिक को पैदल, अवैध या असुरक्षित वाहनों से यात्रा न करने दिया जाए। उन्होंने कहा कि प्रवासियों के लिए हर बॉर्डर के जिले में 200 बसें भेजी गई हैं। अब तक यूपी में 449 ट्रेनें मजदूरों को लेकर आ चुकी हैं। यह पूरे देश में सबसे अधिक संख्या है। इन ट्रेनों से 5 लाख 64 हजार लोग यात्रा करके अपने घर आए हैं। शनिवार को ही 75 ट्रेन आई हैं। 286 और ट्रेनों के संचालन को सहमति दी गई है।
अवनीश अवस्थी ने कहा कि अगर पूरी संख्या जोड़ी जाए तो लगभग 9 लाख 50 हाजर लोगों को या तो लाया जा चुका है, या लाने वाले हैं। अन्य प्रदेशों से प्रदेश की सीमा में पैदल, दो पहिया वाहन और ट्रक के जरिए किसी भी प्रवासी व्यक्ति आने की अब इजाजत नहीं होगी। यूपी के मुख्य सचिव राजेन्द्र तिवारी ने आदेश दिया है कि प्रवासियों को क्वारनटीन, शेल्टर होम या अन्य जिलों में भेजे जाने के लिए पर्याप्त संख्या में प्राइवेट और स्कूल बसों की व्यस्था कराई जाए। पैदल व्यक्ति अगर किसी प्रकार से जिले में आते हैं तो उन्हें वहीं रोककर स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी आदेशों के अनुरूप कार्रवाई की जाए। किसी भी प्रवासी को सड़क या रेलवे लाइन पर न चलने दिया जाए।
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